नई दिल्ली। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 5जी कनेक्शन, मोबाइल सब्सक्राइबर और आईओटी कनेक्शन 2021 में 574 मिलियन से बढ़कर 2025 में 3.2 बिलियन हो जाएंगे। एक नई रिपोर्ट के अनुसार यह पांच साल की 87.9 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ रहा है।
इंडस्ट्रियल इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईआईओटी) दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 5जी सेवाओं को शुरू करने के महत्वपूर्ण कारणों में से एक है।
आईडीसी के अनुसार, एशिया-प्रशांत में लगभग 12.4 प्रतिशत दूरसंचार वाहक उत्तरदाताओं ने आईआईओटी को 5जी परिनियोजन के शीर्ष कारणों में से एक माना है।
अधिकांश दूरसंचार वाहक कंपनियों ने 5 जी की शुरुआत के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपयोग मामलों के रूप में विनिर्माण, स्मार्ट गतिशीलता वाले स्मार्ट शहरों और स्मार्ट इमारतों सहित महत्वपूर्ण उद्योगों को देखा।
आईडीसी में दूरसंचार और आईओटी, एशिया पैसिफिक के वरिष्ठ बाजार विश्लेषक पीयूष सिंह ने कहा, डिजिटलीकरण और कनेक्टिविटी के माध्यम से एक हरित, कम कार्बन भविष्य में बदलाव संभव होगा।
उद्योग 4.0 में अवधारणाओं में से एक दक्षता ऊर्जा की बचत के बराबर है। सिंह ने कहा कि ऊर्जा बचाने के लिए अनेक संगठन अंतत: दक्षता बढ़ाते हैं।
पूरे एशिया-प्रशांत में विनिर्माण सुविधाओं ने परिसर में उपकरणों के विभिन्न टुकड़ों को नियंत्रित करने के लिए निजी या समर्पित नेटवर्क लागू किए हैं।
अस्थिर वायरलेस संचार और विलंबता किसी भी फर्म में डिजिटल परिवर्तन को अपनाने में बाधा हैं, जिन्हें 5जी की मदद से हल किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आईओटी उपकरणों के लिए बहुत भरोसेमंद संचार की आवश्यकता होती है, जो निजी 5जी नेटवर्क के माध्यम से भी आसानी से प्रदान किया जा सकता है।