मिस्र, ईरान और इटली के विदेश मंत्रियों की गाजा युद्ध विराम पर हुई चर्चा

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नई दिल्ली। मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती ने हमास और इजरायल के बीच हाल ही में हुए युद्ध विराम समझौते पर बातचीत कराने के लिए अपने ईरानी और इतावली समकक्षों से फोन पर अलग-अलग बातचीत की। मिस्र के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

इस बातचीत में ईरानी विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची से अब्देलती ने जोर देकर कहा, “मिस्र चाहता है कि यह समझौता बिना किसी देरी के लागू हो।”

उन्होंने इस बातचीत में गाजा पट्टी के लिए राहत और चिकित्सा सहायता की तत्काल और स्थायी पहुंच के महत्व पर जोर दिया। अराघची ने भी मिस्र के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि गाजा में स्थिरता लाने में मिस्र की भूमिका महत्वपूर्ण है।

इसके अलावा, अब्देलती ने गाजा के पुनर्निर्माण, बुनियादी ढांचे के पुनर्वास और गाजा के लोगों के लिए सुरक्षा बहाल करने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के महत्व को भी दोहराया। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी चर्चा की। यह चर्चा लाल सागर में बढ़ते तनाव पर केंद्रित रही।

अब्देलती ने उम्मीद जताई कि युद्ध विराम समझौते से न केवल गाजा में शांति आएगी, बल्कि लाल सागर क्षेत्र में भी तनाव कम होगा, जिससे अंतर्राष्ट्रीय यातायात की स्वतंत्रता सुनिश्चित होगी।

इतालवी विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी के साथ हुई बातचीत में, अब्देलती ने बताया कि मिस्र ने कतर और अमेरिका के साथ मिलकर इस समझौते को हासिल करने के लिए मध्यस्थता की थी। तजानी ने इस समझौते का स्वागत किया और मिस्र के प्रयासों की सराहना की, जिससे युद्ध विराम समझौता सफल हुआ।

कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने बुधवार को पुष्टि की कि दोहा में हमास और इजरायल के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित युद्ध विराम समझौता हुआ।

इसके अलावा, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सीसी के बीच गुरुवार को द्विपक्षीय बैठक हुई थी। इस बैठक में दोनों नेताओं ने गाजा में युद्ध विराम की घोषणा का स्वागत किया और मानवीय सहायता सुनिश्चित करने के महत्व पर चर्चा की। साथ ही, उन्होंने दोनों देशों के बीच आर्थिक और निवेश सहयोग को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया।

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