नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने घोषणा की है कि उसके कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान के लिए तीन अरब डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है। इससे नकदी के संकट से जूझ रहे देश को मदद के लिए 1.2 अरब डॉलर तुरंत दे दिए जाएंगे।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार देर रात जारी एक बयान में, आईएमएफ ने कहा, आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान को सहयोग के लिए लगभग 3 अरब डॉलर या कोटा का 111 प्रतिशत की राशि के लिए नौ महीने की स्टैंड-बाय व्यवस्था (एसबीए) को मंजूरी दे दी है।
एक कठिन बाहरी वातावरण, विनाशकारी बाढ़ और गलत नीतियों के कारण देश में राजकोषीय घाटे, मुद्रास्फीति के साथ विदेशी मुद्रा में भारी कमी आई है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार इस घोषणा के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के प्रयासों में बेलआउट एक बड़ा कदम है।
उन्होंने कहा, यह तात्कालिक से मध्यम अवधि की आर्थिक चुनौतियों से उबरने में पाकिस्तान की मदद करेगा और आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करेेेेगा।
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में, पाकिस्तान को सऊदी अरब से 2 बिलियन डॉलर और संयुक्त अरब अमीरात से 1 बिलियन डॉलर की फंडिंग भी मिली।
पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के साथ गंभीर दीर्घकालिक मुद्दों से निपटने के तरीके पर आठ महीने की कठिन बातचीत के बाद आईएमएफ के साथ समझौता हुआ।
संकटग्रस्त देश कर्जदाताओं के कर्ज चुकाने में असमर्थ होने के कगार पर है।
पिछले साल देश का अधिकांश हिस्सा विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित हुआ था, इससे देश समस्याएं बढ़ गईं।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में जीवन यापन की लागत बढ़ रही है।
मुद्रास्फीति की आधिकारिक वार्षिक दर वर्तमान में लगभग 30 प्रतिशत है।
पिछले महीने, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने अपनीब्याज दर को 22 प्रतिशत की रिकॉर्ड ऊंचाई तक बढ़ा दिया था।
पाकिस्तान ने 1958 से अब तक अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता से 20 से अधिक बार ऋण लिए हैं।