‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को जन आंदोलन बनाने का प्रयास : रोहित आर्य

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भोपाल। मध्य प्रदेश में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लिए गठित इकाई के संयोजक पूर्व जस्टिस रोहित आर्य ने कहा है कि भाजपा ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को जन आंदोलन बनाना चाहती है और इसके लिए सभी के अभिमत लेने के प्रयास जारी हैं। राजधानी भोपाल में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए रोहित आर्य ने कहा, ”भाजपा के पॉलिटिकल एजेंडे में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की बात कही गई है, लेकिन हमारी कोशिश यह है कि हम इसे जन आंदोलन बनाएं। जन आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में हम लोग काम करेंगे ताकि आमजन का अभिमत तैयार करें और उनसे खुले मंच पर इस विषय पर चर्चा हो कि यह होना चाहिए या नहीं। इस पर हम लोग बात कर रहे हैं।”

उन्होने आगे कहा कि हमारी कोशिश है कि इसमें जनप्रतिनिधियों, विभिन्न वर्गों के लोगों, व्यापारियों, चैंबर ऑफ कॉमर्स, शिक्षा जगत से जुड़े लोगों आदि को शामिल होना चाहिए और अपना मत रखना चाहिए। बडे़ प्लेटफॉर्म के ऊपर ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर बात हो।

रोहित आर्य ने कहा कि अभी जो प्रस्ताव आया है, उसमें राज्यों के लिए कानून लागू करने का प्रस्ताव है। उनके सामने मूलतः यह सैद्धांतिक रूप से ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ सही है या नहीं, अब इसके लिए जनमानस में डिबेट चाहते हैं। रामनाथ कोविंद की रिपोर्ट में प्रस्ताव आया है कि किस तरह धारा-82 और धारा-172 में संशोधन किया जाएगा ताकि किसी का नुकसान नहीं हो और एकरूपता बनी रहे।

उन्होंने कहा कि रामनाथ कोविंद की रिपोर्ट में जिक्र है कि लगभग 2034 तक इसका क्रियान्वयन शुरू कर दिया जाएगा, जो अभी स्थिति है, उसमें हम महसूस करते हैं कि जनमानस को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का महत्व बताना है। लोगों को यह भी बताना है कि इसके क्या फायदे हैं। यह नहीं होने से राजनीतिक परिस्थितियों की अस्थिरता के कारण देश कितना पीछे जा रहा है। देश में आर्थिक सुधार का जो प्रोग्राम चलता है, वह पीछे हो जाता है, क्योंकि एजेंडा में चुनाव आ जाता है।

उन्होंने आगे कहा कि यह किसी राजनीतिक दल का एजेंडा नहीं है, बल्कि यह नेशनल एजेंडा है और इसमें जनता का साथ सर्वोपरि है। यही जनता के हित के लिए है। इसी कारण, इस पर देशव्यापी डिबेट होनी चाहिए।

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