मध्य प्रदेश: 4 मंडी व्यापारी को अर्थ दंड के साथ 3 साल की सजा, ईओडब्ल्यू ग्वालियर ने सुनाया फैसला

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भोपाल। व्यापारिक फर्मों द्वारा सांठ-गांठ से फर्जी अनुज्ञा पत्र बनाकर मंडी समिति लश्कर को वर्ष 2000-2001 में राशि रूपए 18 लाख 38 हजार 214 रूपये की आर्थिक क्षति पहुँचाने के प्रकरण में विशेष न्यायालय ई.ओ.डब्ल्यू. ग्वालियर द्वारा 4 मंडी व्यापारी को 3 साल की सजा सुनाई गई है। मंडी कर्मचारी सागरमल गर्ग की मृत्यु होने से उनके विरूद्ध प्रकरण समाप्त किया गया।

आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल इकाई ग्वालियर द्वारा एस.के. इंटरप्राइजेज‚ माधुरी ट्रेडिंग कंपनी‚ बजरंग ट्रेडर्स‚ महाकाली ट्रेडर्स‚ डी.एम. ट्रेडर्स‚ संगम ट्रेडर्स तथा द्वारका गृह उद्योग तथा मंडी समिति के लिपिक श्री सागरमल गर्ग के विरुद्ध प्रकरण तैयार कर अपराध भा.द.वि. 1860 की धारा 420‚ 467‚ 468‚ 471‚ 120बी एवं धारा 12‚ 13(1)(डी)‚13(2) भ्र.नि.अ. 1988 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था।

अपराध सिद्ध पाए जाने पर न्यायालय द्वारा फर्म प्रो. कमलकिशोर अग्रवाल आयु 61 वर्ष आत्मज श्री गुलाबचंद अग्रवाल तत्कालीन प्रोप्राइटर माधुरी ट्रेडिंग कंपनी एवं द्वारका गृह उद्योग लश्कर ग्वालियर को 3 वर्ष की सजा तथा 60 हजार रूपये के अर्थ दंड से दंडित किया गया। अन्य आरोपी देवेन्द्र सिंह पिता वीरेन्द्र सिंह भदौरिया तत्कालीन प्रोप्राइटर बजरंग ट्रेडर्स लश्कर ग्वालियर को 3 वर्ष की सजा तथा 25 हजार रूपये के अर्थ दंड से दंडित किया गया। श्रीमती मीना अग्रवाल तत्कालीन प्रोप्राइटर डी.एम. ट्रेडर्स लश्कर ग्वालियर को 2 वर्ष की सजा तथा 6 हजार रूपये के अर्थ दंड से दंडित किया गया। श्रीचंद आत्मज हरचूमल तत्कालीन प्रोप्राइटर संगम ट्रेडर्स वहोड़ापुर ग्वालियर को 3 वर्ष तथा 12 हजार रूपये के अर्थ दंड से दंडित किया गया।

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