नई दिल्ली। त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन (टीसीए) के दो प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच गुटीय विवाद ने शनिवार को एक गंभीर रूप ले लिया और दोनों प्रतिद्वंद्वी गुट एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों का आक्रामक आरोप लगा रहे हैं।भारी तनाव और संभावित झड़पों को देखते हुए एहतियात के तौर पर यहां टीसीए कार्यालय में पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है।
राज्य क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और टीसीए के मौजूदा उपाध्यक्ष तिमिर चंदा ने दावा किया कि एसोसिएशन भवन में प्रवेश करते समय सचिव तपश घोष के साथ अन्य गुटों के सदस्यों ने उन पर शारीरिक हमला किया था।
चंदा और घोष दोनों ने दावा किया, “शनिवार को ‘उपद्रवियों के एक समूह’ ने हमें टीसीए कार्यालयों से बाहर निकाल दिया। उन्होंने ‘पूर्व’ टीसीए अध्यक्ष तपन लोध के आदेश पर ऐसा किया है।”
घोष ने शनिवार रात एक अधिसूचना में कहा, “त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन की शीर्ष परिषद ने 19 जुलाई को अपनी बैठक में एसोसिएशन के नियमों और विनियमों के अनुसार तपन लोध को त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया है। तपन लोध अब त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष नहीं हैं।”
राज्य क्रिकेट निकाय के दोनों गुटों का नेतृत्व टीसीए के ‘अध्यक्ष’ तपन लोध और सचिव तापस घोष कर रहे हैं।
घोष ने दावा किया कि टीसीए भवन का ताला ‘हाल ही में हटाए गए’ लोध और उनके अनुयायियों द्वारा अवैध रूप से तोड़ा गया था, जिससे संभावित गलत इरादों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा के बारे में चिंताएं पैदा हुईं।
लोध और उनके समर्थकों ने कथित तौर पर उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, सदर की मौजूदगी में टीसीए भवन का ताला तोड़ दिया।
आरोप-प्रत्यारोप के बीच, लोध के नेतृत्व में टीसीए की ‘आमसभा की बैठक’ हुई, जहां एमबीबी क्रिकेट स्टेडियम में चार बड़ी फ्लडलाइट की स्थापना की “अनियमितताओं” की जांच करने का निर्णय लिया गया।
लोध ने त्रिपुरा सरकार के गृह सचिव को लिखे पत्र में “अनियमितताओं” की जांच करने के लिए त्रिपुरा पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने की मांग की।
हालांकि, लोध ने टीसीए अध्यक्ष पद से हटाए जाने की किसी भी आधिकारिक अधिसूचना से इनकार किया और तर्क दिया कि कानून के अनुसार उनका पद रद्द नहीं किया जा सकता है।
लोध ने कहा कि वह जल्द ही पूरे प्रकरण की जानकारी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को देंगे।
टीसीए के दो गुटों की खुली तकरार की आलोचना करते हुए त्रिपुरा क्रिकेट टीम के पूर्व वरिष्ठ सदस्य मनिमॉय रॉय ने कहा कि त्रिपुरा क्रिकेट टीम ने पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर कई उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन इस तरह की खुली तकरार न केवल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि इस तरह के घटनाक्रम से भविष्य में राज्य क्रिकेट टीम की संभावनाओं को नुकसान होगा।