नई दिल्ली। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं शिरीन मजारी और फैयाजुल हसन चौहान ने इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) छोड़ने की घोषणा की, जिससे शीर्ष विपक्षी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि 9 मई की हिंसा के बाद कई नेताओं का इससे अलग होते हुए देखा गया है।
पार्टी के कई नेताओं और सांसदों, जिनमें आमिर महमूद कियानी, मलिक अमीन असलम, महमूद मौलवी और आफताब सिद्दीकी शामिल हैं, ने राज्य के प्रतिष्ठानों पर हमलों की सार्वजनिक रूप से निंदा की और 9 मई की तोड़फोड़ के बाद से पूर्व सत्ताधारी पार्टी छोड़ने की घोषणा की।
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व संघीय मंत्री और खान के करीबी सहयोगी मजारी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए 9 मई के दंगों की निंदा की, जिसके दौरान पीटीआई समर्थकों ने देश भर में सार्वजनिक और रक्षा प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी।
उन्होंने कहा, मैं 9 मई की हिंसा की कड़ी निंदा करती हूं। मैंने हमेशा किसी भी तरह की हिंसा की निंदा की है।
मजारी ने कहा कि वह न सिर्फ पार्टी, बल्कि राजनीति भी छोड़ रही हैं।
उन्होंने कहा, आज से मैं किसी भी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं हूं।
पीटीआई के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि हिरासत के पिछले 12 दिनों के दौरान उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया।
उन्होंने कहा, मेरे बच्चे और माता-पिता अब मेरी प्राथमिकता हैं। मैं जीएचक्यू, संसद और सुप्रीम कोर्ट जैसे राज्य प्रतीकों के खिलाफ हिंसा की निंदा करती हूं।
मजारी ने अपनी आपबीती साझा करते हुए कहा कि उनकी बेटी इमान मजारी को बार-बार गिरफ्तार किए जाने के कारण कठिन समय से गुजरना पड़ा।
उन्होंने कहा, जब मुझे तीसरी बार जेल ले जाया गया तो मेरी बेटी बहुत रो रही थी, मैंने उसका वीडियो देखा।
द न्यूज के मुताबिक, अनुभवी राजनेता ने कहा कि उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) को एक हलफनामा भी दिया था, जिसमें उन्होंने भविष्य में किसी भी हिंसक विरोध का हिस्सा नहीं बनने का वादा किया था।
अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी से भड़के 9 मई के दंगों के बाद पिछले कुछ दिनों के दौरान पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया था।