नई दिल्ली। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किद्रा ने रविवार को कहा कि आईडीएफ ने गाजा में पिछले कुछ घंटों में 193 लोगों की हत्या कर दी है। हमलों में 652 लोग घायल हुए हैं।
अशरफ अल-किद्रा ने कहा कि अब तक कुल मरने वालों की संख्या 15,207 हो गई है, जबकि 7 अक्टूबर से अब तक 40,652 लोग घायल हुए हैं। इजरायली सेना ने गाजा के शुब्रा इलाके पर भी बमबारी की है।
70 फीसदी पीड़ित बच्चे और महिलाएं हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सिस्टम के खिलाफ इजरायली उल्लंघन के परिणामस्वरूप 280 मेडिकल स्टाफ सदस्यों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों घायल हो गए।
इज़रायली बलों ने 31 मेडिकल स्टाफ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने जानबूझकर 130 स्वास्थ्य संस्थानों को निशाना बनाया है और 20 अस्पतालों तथा 46 स्वास्थ्य केंद्रों को नष्ट कर दिया है।
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अस्पतालों ने अपनी चिकित्सीय और अवशोषण (संविलयन) क्षमता खो दी है, जबकि चिकित्सा कर्मचारी बहुत ही सरल क्षमताओं के साथ घायलों का इलाज करते हैं, और घायल जमीन पर पड़े हुए हैं।
आईडीएफ जानबूझकर एंबुलेंसों को निशाना बना रहा है, जिससे 55 एंबुलेंस नष्ट हो गईं। आईडीएफ जानबूझकर स्वास्थ्य प्रणाली को बाधित कर रहा है। वे चिकित्सा आपूर्ति और ईंधन में कटौती करके चिकित्सा सुविधाओं को बेहद जरूरत के दायरे में रखना चाहते हैं।
बयान में कहा गया है कि सभी अस्पतालों में घायलों की भीड़ थी, जो उनकी चिकित्सा क्षमताओं और अवशोषण क्षमताओं से अधिक थी। अस्पताल में सर्जिकल उपकरणों की भी कमी थी।
इसमें कहा गया है कि राफा क्रॉसिंग के माध्यम से इलाज के लिए गाजा छोड़ने वालों की संख्या 389 तक पहुंच गई है, जिसमें 358 घायल और 31 ऑन्कोलॉजी मरीज शामिल हैं।
बयान के मुताबिक, गाजा में 8,00,000 लोगों ने अपने घर खो दिए हैं। यह सभी वे बेघर, बिना भोजन, पीने के पानी, दवा के और बिना किसी सुरक्षा के हैं।
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र से नागरिकों की सुरक्षा के लिए चिकित्सा संस्थानों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और कानूनी ढांचे की सुरक्षा से संबंधित एक अंतरराष्ट्रीय प्रस्ताव और समझौतों के लिए इजरायल पर दबाव डालने का आह्वान किया है।
बयान में कहा गया है, हम संयुक्त राष्ट्र और डब्ल्यूएचओ से चिकित्सा स्टाफ के सदस्यों को तुरंत रिहा करने के लिए इजरायली कब्जे पर दबाव बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान करते हैं। हम संयुक्त राष्ट्र की सभी संस्थाओं से 13 लाख से अधिक विस्थापित लोगों की मानवीय और स्वास्थ्य आपदा को रोकने के लिए प्रभावी तथा तत्काल तंत्र खोजने का भी आह्वान करते हैं।