नई दिल्ली: संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को एथिक्स कमेटी की सिफारिश के आधार पर लोक सभा की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया.
शुक्रवार को दोपहर बाद 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एथिक्स कमेटी की सिफारिशों को सदन से स्वीकार करने का आग्रह किया. विपक्षी सांसदों द्वारा एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट न मिलने की बात कही गई.
इस बीच लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी सांसदों से कहा कि सदन में आज जिस पर विचार हो रहा है और संसदीय कार्य मंत्री ने जो प्रस्ताव सदन में रखा है, वह हम सबके लिए पीड़ादायक है. लेकिन, कई बार ऐसे अवसर आते हैं, जब इस सभा को अपने प्रति और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य के निर्वहन के लिए उचित निर्णय लेने होते हैं. संसदीय लोकतंत्र नियमों और उच्च मर्यादाओं से चलता है और हमारे लोकतंत्र और सदन की गरिमा एवं मर्यादा को बनाए रखने का दायित्व इस सदन के सभी सदस्य का सामूहिक दायित्व है.
उन्होंने कहा कि सदन की मर्यादा और लोकतांत्रिक मूल्य ऐसे सिद्धांत हैं, जिनके साथ किसी भी प्रकार का कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है, ऐसे में हमारा दायित्व बनता है कि हम ईमानदारी और निष्ठा से इन सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने दायित्व का निर्वहन करें.
एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर द्वारा शुक्रवार को लोक सभा में पेश किए गए रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के आचरण को आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक बताते हुए एथिक्स कमेटी ने उन्हें कड़ी सजा देने की मांग करते हुए लोक सभा की सदस्यता से निष्कासित करने की सिफारिश की है. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में भारत सरकार द्वारा समयबद्ध तरीके से इस पूरे मामले की गहन, कानूनी और संस्थागत जांच की सिफारिश भी की है.
लोक सभा ने चर्चा के बाद ध्वनिमत से महुआ मोइत्रा को लोक सभा से निष्कासित करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. इसके बाद सदन की कार्यवाही को 11 दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.