भोपाल। मध्य प्रदेश के नागरिकों को सस्ती विमान सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम संचालित की जा रही है। इससे प्रदेश में पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों सहित रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। स्कीम के तहत उड़ाने संचालित करने वाली इच्छुक निजी वैमानिक संस्थाओं को 20 प्रतिशत राशि वाइबिलिटी गेप फण्डिंग (VGF) के रूप में दी जा रही है।
भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी योजना में ग्वालियर से बंगलुरु, कोलकाता, जम्मू तथा हैदराबाद रूट पर विमान सेवा संचालित हो रही हैं। इसके साथ ही बिलासपुर रूट पर भी हवाई सेवा संचालित हो रही हैं। राज्य सरकार देश के अन्य स्थानों को भी वायु सेवा से जोड़ने के लगातार प्रयास कर रही है।
प्रदेश में स्थित शासकीय हवाई पट्टियों को पॉयलट प्रशिक्षण, एयरो-स्पोर्ट्स तथा अन्य उड्डयन गतिविधियों के लिये भी उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश की रीवा, रतलाम, मंदसौर, छिंदवाड़ा, उमरिया, बालाघाट, सागर, गुना और सिवनी स्थित हवाई पट्टियाँ निर्धारित शुल्क पर आवंटित की गई हैं। साथ ही प्रदेश में एयरक्रॉफ्ट रिसाइकिलिंग और हेलीकॉप्टर अकादमी की सुविधाएँ विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इन गतिविधियों से राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। सिंगरोलिया (जिला सिंगरोली) में नवीन हवाई पट्टी बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह हवाई पट्टी बनकर तैयार हो गई है और सफल ट्रॉयल रन हो चुका है। इस पर जल्द ही स्थानीय निकायों को हवाई पार्किंग और लेंडिंग की सुविधा मिलना प्रारंभ हो जायेंगी। दतिया हवाई पट्टी को रीजनल कनेक्टिविटी योजना ‘उड़ान’ के तहत चुना गया है। इसके लिये राज्य सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से एमओयू भी किया है।
इंदौर विमानतल को कस्टम नोटिफाईड एयरपोर्ट घोषित किया गया है। इंदौर विमानतल से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान दुबई के लिये संचालित हो रही है। इस विमानतल से कॉर्गो सेवा भी संचालित हो रही है। इंदौर विमानतल से दिल्ली, अहमदाबाद, कोलकाता, हैदराबाद और मुम्बई के लिये विमान सेवाएँ संचालित की जा रही हैं। ग्वालियर में विमानतल विस्तार के विकास के लिये भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को 57.952 हेक्टेयर भूमि नि:शुल्क आवंटित की गई है।
रीवा हवाई पट्टी को हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इससे बोईंग जैसे बड़े विमानों की आवाजाही हो सकेगी। रीवा के नजदीक उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहर मध्यप्रदेश से वायु सेवा से जुड़ जायेंगे। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने रीवा हवाई पट्टी को उड़ान योजना के तहत विकसित करने के लिये चिन्हित किया है। इसके लिये भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को उनकी मांग के अनुसार आवश्यक भूमि आवंटित की जा चुकी है।