भोपाल। मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में मध्य प्रदेश गान के समय मौजूद लोगों के खड़े होने की परंपरा रही है। इस परंपरा को वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तोड़ दिया है। वे राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत की तरह मध्य प्रदेश गान पर खड़े होने को उचित नहीं मानते। राजधानी के रविंद्र भवन में लोक सेवा आयोग के चयनित अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के लिए आयोजित समारोह के दौरान मध्य प्रदेश गान के समय जब वहां मौजूद अधिकारी और चयनित अधिकारी खड़े हुए तो मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी को बैठने का इशारा किया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के समय खड़े होने की परंपरा है, लेकिन मध्य प्रदेश गान के समय पर खड़ा होना ठीक नहीं है। कोई विश्वविद्यालय, कोई महाविद्यालय या कोई संस्थान अपना गीत बना ले, वह अपना नियम बना ले कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत की तरह खड़े होंगे तो यह क्या बात हुई। राष्ट्रगान और राष्ट्र गीत की व्यवस्था के बराबर दूसरे को तो नहीं कर सकते। आपको अटपटा लग सकता है कि यह परंपरा को तोड़ने की बात है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 559 अधिकारियों से संवाद करते हुए कहा कि सभी युवा निरंतर नवाचार करते रहने की प्रवृत्ति के साथ आगे बढ़ें। चुनौतियों का डटकर सामना करें, समाधान खोजें और हल के लिए शत-प्रतिशत प्रयास करें। अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाना, सब स्वस्थ और सुखी हों, यह प्रयास करना तथा मध्यप्रदेश सभी क्षेत्रों में प्रथम स्थान पर हो, इसके लिए समन्वित रूप से प्रयास करना ही हमारी सरकार की प्राथमिकता है।