रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम के एक गांव में आदिवासियों ने रविवार को 22 वर्षीय युवक के शव के साथ एक पुलिस स्टेशन पर घंटों तक विरोध प्रदर्शन किया। इस युवक ने कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी के दुर्व्यवहार से आहत होकर आत्महत्या कर ली।शुक्रवार को रात्रि गश्त के दौरान एक पुलिसकर्मी ने कथित तौर पर आदिवासी युवक को थप्पड़ मार दिया और उसे बेरी तरह पीटा। युवक की पहचान रतलाम के छावनी भाभर निवासी गणेश के रूप में हुई।
आदिवासियों ने कहा कि बिना किसी गलती के पुलिसकर्मी की बदसलूकी से आहत होकर गणेश ने शुक्रवार की रात फांसी लगाकर खुद को खत्म कर लिया।
अगली सुबह, ग्रामीण बाजना पुलिस स्टेशन पर इकट्ठा हुए और उस पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिसने युवक को बेवजह पीटा। स्थानीय विधायक कमलेश्वर डोडियार भी प्रदर्शनकारियों में शामिल हुए और पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग की।
ठंड में पुलिस स्टेशन में घंटों बिताने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का आश्वासन मिलने के बाद आदिवासी अपने वापस अपने गांव चले गए।
वे रविवार को फिर आए और गणेश के शव को पुलिस स्टेशन में एक मेज पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया। वे इस बात पर अड़ गए कि शव का अंतिम संस्कार थाने में ही किया जाएगा, क्योंकि उसकी मौत पुलिस की वजह से हुई है।
हालांकि, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने आदिवासियों को आश्वासन दिया कि इस बात की जांच की जाएगी कि पुलिसकर्मी ने आदिवासी युवक को थप्पड़ क्यों मारा। इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
प्रदर्शन के दौरान आदिवासियों ने यह भी मांग की कि बाजना थाने के सभी स्टाफ को बदला जाए।
जिला प्रशासन ने मृतक के परिवार को मुआवजे के तौर पर 2 लाख रुपये का चेक दिया है।
आदिवासी बाद में अपने गांव लौट आए और रविवार शाम को युवक के शव का अंतिम संस्कार किया।
आईएएनएस को पता चला है कि आदिवासी युवक को थप्पड़ मारने वाले पुलिसकर्मी को जांच पूरी होने तक निलंबित कर दिया गया है।