नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू कर दी है।चुनाव आयोग के सचिव जयदेव लाहिड़ी ने एक प्रेस नोट में कहा, “आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विधानसभा के आम चुनाव के लिए चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश 1968 के पैरा 10बी के तहत कॉमन चिह्न के आवंटन के लिए आवेदनों को तत्काल प्रभाव से स्वीकार करने का फैसला किया है।”
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को जल्द ही “लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार” मिलेगी।
यहां पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था, जिसके बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में भाजपा और पीडीपी की गठबंधन सरकार सत्ता में आई थी। मुख्यमंत्री सईद की 2016 में मृत्यु के बाद गठबंधन का नेतृत्व उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती ने किया।
भाजपा ने 18 जून 2019 को गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिसके बाद महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया गया था, जिसके बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।
केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 और 35ए निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया जिसकी अपनी विधानसभा होगी। लद्दाख को भी अलग कर बिना विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया।
तब से जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन उपराज्यपाल के हाथों में है।