मध्य प्रदेश में जर्जर इमारतों पर प्रशासन की नजर, जनता से भी मांगा ब्यौरा

Buildings

भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर और रीवा में हुए हादसों के बाद सरकार और प्रशासन अलर्ट पर है। जर्जर इमारतों को खोजा जा रहा है। वहीं आम जनता से भी जर्जर इमारतों की जानकारी मुहैया करने का अनुरोध किया गया है।

पिछले दिनों जर्जर इमारतें दो बड़े हादसे का कारण बनीं। रीवा में स्कूली बच्चों पर दीवार गिर गई थी जिसमें चार की मौत हुई, वहीं सागर जिले में शिवलिंग बना रहे बच्चों पर दीवार गिरने से नौ की जान चली गई थी।

इन दो हादसों के बाद सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को जर्जर इमारतों के सर्वे के निर्देश दिए। प्रशासन की ओर से जर्जर इमारतों की खोज की ही जा रही है, साथ ही आमजन से भी इसमें सहयोग मांगा जा रहा है।

भोपाल में बड़ी तादाद में ऐसी इमारतें हैं जिनकी हालत खस्ता है और उनमें स्कूल चल रहे हैं। यहां 42 स्कूलों की इमारतों की हालत खराब है। इनमें चार तो ऐसी हैं जो कभी भी मुसीबत का कारण बन सकती हैं। कई जर्जर मकानों को सील किए जाने की भी कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

पुराने भोपाल के चिंतामणि चौक के पास एक जर्जर इमारत के गोदाम को सील कर दिया गया है। इनमें रहने वाले लोगों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट होने की सलाह दी गई है। राज्य के अन्य हिस्सों में भी सरकारी कार्यालय, स्कूल से लेकर निजी कार्यालय भी ऐसी इमारतों में चल रहे हैं जिनकी हालत अच्छी नहीं है। यह बारिश के दौरान धराशाई भी हो सकती हैं।

जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सर्वे के बाद जर्जर भवन, मकान और दीवारों को गिराने के निर्देश दिए हैं, वही आम जनता से भी जर्जर इमारतों की जानकारी मांगी गई है। इसके लिए व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है, जिसमें लोग फोटो और स्थान का विवरण भेज सकते हैं।

बता दें कि इन दिनों राज्य में बारिश का दौर जारी है। ऐसे में पुराने और कमजोर हो चुकी इमारतों और मकानों को नुकसान का खतरा बना हुआ है। वहीं हाल ही में हुए हादसों ने सरकार और प्रशासन को सचेत किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *