मध्य प्रदेश में साइबर ठगों की नजर बिजली उपभोक्ताओं पर

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भोपाल। मध्य प्रदेश में साइबर ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अब उनके निशाने पर बिजली उपभोक्ता भी आ गए हैं। ठग बिजली उपभोक्ताओं को तरह-तरह के मैसेज भेजते हैं और बिजली कनेक्शन काटे जाने का डर दिखाकर ठगी करने की कोशिश करते हैं।इन ठगों की जालसाजी का शिकार गांव ही नहीं बड़े शहरों के पढ़े-लिखे लोग भी बन रहे हैं। उन्होंने राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारियों के नाम से फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर ठगी करने में भी हिचक नहीं दिखाई। जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना के नाम पर एक फर्जी अकाउंट बनाकर उनके करीबी रिश्तेदार से 25 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। यह मामला पुलिस तक भी पहुंचा है।

इसी तरह, धार जिले के कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के नाम का फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाया गया। इतना ही नहीं, बैतूल जिले के आमला से भाजपा विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे को भी ठगने की कोशिश हुई। उनकी शिकायत पर आरोपी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है।

अब ताजा मामला बिजली उपभोक्ताओं से जुड़ा सामने आ रहा है। उपभोक्ताओं को बिजली बिल बकाया होने की बात कहते हुए कनेक्शन काटने के मैसेज आते हैं। ये मैसेज लंबे अरसे से आम लोगों तक पहुंच रहे हैं। इस बात से बिजली विभाग भी परिचित है और उसकी ओर से लोगों को हिदायत दी जा रही है कि वे साइबर ठगों के झांसे में न आएं।

बिजली विभाग तक जो जानकारी आई है उसमें पता चला है कि साइबर जालसाजों द्वारा बिल का तुरंत भुगतान न करने पर बिजली काटने की धमकी एसएमएस, व्हाट्सएप आदि से दी जाती है। बिल भरने के लिए आई.वी.आर. तकनीक से फोन कॉल पर नंबर दबाने या फिर मोबाइल पर विशेष लिंक से बकाया राशि जमा करने के लिए कहा जाता है।

बिजली विभाग के अधिकारियों ने उपभोक्ताओं से कहा है कि इस प्रकार के संदेश और फोन कॉल फर्जी हैं, इन पर ध्यान न दिया जाए। इस प्रकार के साइबर जालसाजों से सतर्क और सावधान रहें।

राज्य के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने बिजली बिलों का नकद भुगतान कंपनी के कार्यालय में जाकर करें या फिर एटीएम मशीन कॉमन सर्विस सेंटर का उपयोग करें।

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