नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकारी अध्यक्ष चैतर वसावा द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा निर्वाचन क्षेत्र में एकजुटता दिखाने के लिए शनिवार को पूर्ण बंद रहा।कथित हमले और जबरन वसूली के लिए वसावा, उनकी पत्नी और सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद बंद का ऐलान किया गया। इस पर स्थानीय भाजपा नेताओं की ओर से जटिल प्रतिक्रिया आई।
वसावा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज हो गई है।
पत्नी शकुंतला और सहयोगी जितेंद्र के साथ वसावा पर 30 अक्टूबर को उनके आवास पर एक घटना से जुड़े गंभीर आरोप हैं, जिसमें वन विभाग के अधिकारियों की धमकी और हमला शामिल है।
शुक्रवार को शकुंतला, जितेंद्र और एक स्थानीय किसान रमेश वसावा की गिरफ्तारी के साथ नाटक और बढ़ गया। वसावा स्वयं अधिकारियों के चंगुल से बच निकले हैं।
यह बंद इतना महत्वपूर्ण था कि इसने भाजपा सांसद मनसुख वसावा का ध्यान आकर्षित किया, जिन्होंने अपनी ही पार्टी के अज्ञात सदस्यों पर गुप्त रूप से बंद का समर्थन करने का आरोप लगाया।
राज्य से सुरक्षा की पेशकश करके दुकान मालिकों को बंद का उल्लंघन करने के लिए मनाने के उनके प्रयासों के बावजूद, उनके आह्वान को प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, क्योंकि चैतर वसावा के समर्थन में व्यापारी बंद रहे।
एक स्थानीय अदालत ने हिरासत में लिए गए तीन व्यक्तियों के रिमांड आवेदन को अस्वीकार करके और इसके बजाय उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजकर पुलिस के जांच प्रयासों को झटका दिया। अधिकारियों ने पुष्टि की कि पुलिस ने जिला सत्र अदालत में एक पुनरीक्षण याचिका दायर करके आगे की कार्रवाई की मांग की है।