पेपरलेस मतदान प्रक्रिया से बढ़ेगी पारदर्शिता और सटीकता : अभिषेक सिंह

Abhishek

भोपाल। मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

आयोग ने भोपाल जिले के बैरसिया विकास खंड की ग्राम पंचायत रतुआ रतनपुर में सरपंच पद के लिए पेपरलेस मतदान प्रक्रिया का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह देश में पहली बार हो रहा है कि मतदान प्रक्रिया को पेपरलेस बनाया जा रहा है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह के नेतृत्व में इस प्रक्रिया की शुरुआत की गई है। सचिव राज्य निर्वाचन आयोग अभिषेक सिंह ने बताया है कि पेपरलेस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदान प्रक्रिया को सरल, सुगम और पारदर्शिता पूर्ण बनाना है। इस पेपरलेस बूथ की संकल्पना को साकार करने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों स्तर पर कार्य किया जा रहा है, जिससे भविष्य में यह व्यवस्था पूरे प्रदेश के मतदान केन्द्रों पर लागू कर सकें।

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह ने बताया कि पंचायतों एवं नगरीय निकायों के सरल, सुगम एवं पारदर्शितापूर्ण मतदान प्रक्रिया सम्पन्न कराने के उद्देश्य से पेपरलेस बूथ की योजना बनाई गई है। पंचायत निर्वाचन में मतदान केन्द्र पर सभी प्रक्रियाओं को सम्पन्न कराने और रिपोर्टिंग के लिए 26 प्रपत्र भरे जाते हैं। इनमें थोड़ी भी गलती होने पर अनेक विवाद होते हैं। साथ ही कोर्ट केस भी बनते हैं। पेपरलेस बूथ करने पर इन प्रपत्रों को डिजिटलाइज किया जा रहा है। इसका पहला प्रयोग रतुआ रतनपुर में किया गया, जो पूर्ण रूप से सफल रहा।

उन्होंने आगे कहा कि पेपरलेस वोटिंग पहले से ही हो रही है, क्योंकि आप ईवीएम का उपयोग करते हैं, लेकिन ईवीएम के अलावा जितनी भी प्रक्रिया हो रही है, वह मैनुअल होती रही है, जैसे कि फॉर्म भरना और अन्य चीजें। हमने उस पूरी प्रक्रिया को पेपरलेस करने का प्रयास किया और यह प्रयोग सफल रहा है। हमने मतदाता की पहचान इलेक्ट्रॉनिक रूप से की है। मतदान प्रतिशत को हमने वास्तविक समय में कैप्चर किया है।

उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में हम आने वाले चुनावों में पूरी प्रक्रिया को सिस्टम पर ऑनलाइन करने का प्रयास करेंगे। सारे रिपोर्ट जनरेट करने का प्रयास करेंगे। इससे आगे चलकर लाभ हो सकता है। इससे मानव संसाधनों की बचत होगी, सटीकता बढ़ेगी, पारदर्शिता बढ़ेगी और सिस्टम पर विश्वास बढ़ेगा।

इस प्रक्रिया में मतदाताओं की पहचान और उनके मत देने के रिकॉर्ड रूप में हस्ताक्षर और अंगूठा लगाने को इलेक्ट्रॉनिक किया गया। मतदान का प्रतिशत और मतपत्र लेखा ऑनलाइन किया जा रहा है। मतदान का प्रतिशत हर 2 घंटे में ऑनलाइन सभी प्लेटफार्म पर प्राप्त हो रहा है। मतदान समाप्ति के बाद अभ्यर्थियों एवं मतदान अभिकर्ताओं को मत-पत्र लेखा भी उनके ईमेल आईडी पर दी जाएगी।

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