भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में बड़ी छलांग लगाई है। एक साल में ही एम्स भोपाल 38 से 31 वीं रैंक पर पहुंच गया है।
नई दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार एम्स भोपाल ने वर्ष 2024 की एनआईआरएफ में 31 वीं रैंक हासिल की है, पिछले साल इसकी रैंकिंग 38 थी। इस तरह एक साल में संस्थान ने सात पायदान की छलांग लगाई है। देशभर के चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े 182 संस्थाओं के बीच प्रतिस्पर्धा के बाद यह स्थान एम्स भोपाल को मिला है। एम्स नई दिल्ली पहले की ही तरह पहले स्थान पर बना हुआ है।
एनआईआरएफ कई श्रेणियां के अंतर्गत संस्थाओं का मूल्यांकन करता है, इसमें मरीज की देखभाल, अनुसंधान, छात्रों का प्लेसमेंट में प्रदर्शन और स्नातक के बाद उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए छात्रों का चयन शामिल है।
एम्स भोपाल के छात्रों ने देशभर के उच्च रैंक वाले संस्थानों और विदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में भी स्थान हासिल किया है । एम्स भोपाल के फैकल्टी और छात्रों ने भी बेहतर शोध कार्य प्रदर्शित किया है और अनेक पुरस्कार भी जीते हैं। एम्स के विभिन्न संकायों के छात्रों ने बीते वर्ष में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित अनेक प्रतिस्पर्धा में 175 से अधिक शोध अनुदान प्राप्त किया है और विभिन्न पत्रिकाओं में 1000 से अधिक वैज्ञानिक शोध प्रकाशित हुए हैं।
वर्तमान में एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर अजय सिंह है और वे संस्थान में नवाचारों को लगातार प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। एम्स भोपाल की सफलता को उनकी कोशिशें और संस्थान के प्राध्यापक और छात्रों की कोशिश का ही नतीजा माना जा रहा है।