नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनाव के लिए दार्जिलिंग और कलिम्पोंग के पहाड़ी जिलों में आठ दलों ने हाथ मिलाया है।
भाजपा, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, हमरो पार्टी, गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट, क्रांतिकारी मार्क्सवादियों की कम्युनिस्ट पार्टी, अखिल भारतीय गोरखा लीग, सुमेती मुक्ति मोर्चा और गोरखालैंड राज्य निर्माण पार्टी को मिलाकर यूनाइटेड गोरखा मंच के गठन की घोषणा की गई।
दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे थापा विरोधी भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा के साथ गठबंधन में पंचायत चुनाव लड़ेंगे। इसी तरह, कांग्रेस और वाम मोर्चा, जो पहले से ही ग्रामीण निकाय चुनावों के लिए गठबंधन किए हैं, पहाड़ी तृणमूल कांग्रेस के नेता बेनॉय तमांग से मौन समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं।
हालांकि, दार्जिलिंग से भाजपा के लोकसभा सदस्य, राजू बिस्टा ने कहा कि आठ दलों का गठबंधन केवल आगामी पंचायत चुनावों तक ही सीमित रहेगा। उन्होंने कहा, इस गठबंधन का एकमात्र कारण पहाड़ियों के विकास को सुनिश्चित करना है। हमारा लक्ष्य पहाड़ों में सड़क के बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा प्रणाली का विकास करना है।
समझौते के तहत भाजपा कमल चिन्ह पर चुनाव लड़ेगी, जबकि अन्य सात दलों के उम्मीदवार एक सामान्य चिन्ह के साथ चुनाव लड़ेंगे।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के महासचिव रोशन गिरि ने बिस्ता के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि गठबंधन केवल आगामी पंचायत तक ही सीमित रहेगा। उन्होंने कहा, हम पहाड़ियों में स्थायी राजनीतिक समाधान की अपनी मांग को जारी रखेंगे।
भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा के संस्थापक और गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन के प्रमुख अनित थापा ने कहा कि वे ग्रामीण निकाय चुनावों के लिए आठ दलों के गठबंधन को लेकर चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा, मुझे पहाड़ी मतदाताओं की बुद्धि पर पूरा भरोसा है। वे विकास के लिए मतदान करेंगे।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के शेष हिस्से में तीन स्तरों के लिए चुनाव होंगे, जबकि पहाड़ी जिलों दार्जिलिंग और कलिम्पोंग के लिए चुनाव केवल दो स्तरों के लिए होंगे।