नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक प्रवीण सूद सोमवार को इंफाल पहुंचे और जातीय हिंसा के कई मामलों में केंद्रीय एजेंसी द्वारा की जा रही जांच की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
अधिकारियों ने बताया कि सूद सोमवार सुबह गुवाहाटी पहुंचे और दोपहर में वह इंफाल गए, जहां मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
सूत्रों ने कहा कि सीबीआई प्रमुख ने मणिपुर में हिंसा के छह मामलों की जांच में विशेष जांच टीमों (एसआईटी) द्वारा किए गए विकास की समीक्षा की।
इन मामलों में 4 मई को मणिपुर में भीड़ द्वारा दो युवतियों को सड़क पर नग्न घुमाने का भयानक वीडियो शामिल है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था, जिसकी व्यापक निंदा हुई और कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।
राज्य सरकार ने 3 मई को मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा के दौरान हुए विभिन्न अपराधों से संबंधित कई अन्य मामले भी सीबीआई को सौंप दिए हैं।
9 दिसंबर को सीबीआई ने एक मामले की चल रही जांच में गुवाहाटी में सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश के समक्ष नौ आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
सीबीआई और एसआईटी के अधिकारियों को स्थानीय संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जांच संतुलित तरीके से नहीं की जा रही है।
गैर-आदिवासी मैतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच सात महीने से अधिक लंबे जातीय संघर्ष ने अब तक 182 लोगों की जान ले ली है और दोनों पक्षों के 70,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं, जिनमें से हजारों लोगों ने मणिपुर के विभिन्न जिलों के अलावा मिजोरम में शरण ली है।