भोपाल। मध्य प्रदेश में प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की सूची जारी होने के बाद पनपे असंतोष को कम करने की कोशिशें शुरू हो गई है। मंगलवार की रात पदाधिकारियों की दूसरी सूची जारी कर दी गई।
दो दिन पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी में 177 पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई थी। इस सूची में शामिल नेताओं को लेकर पार्टी के भीतर से ही विरोध के स्वर उठने लगे थे। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने तो पार्टी की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार लोगों को ही कार्यकारिणी में शामिल करने तक का आरोप लगा दिया था। इसी तरह की नाराजगी और नेताओं में भी थी। परिणामस्वरुप पार्टी की ओर से मंगलवार की रात पदाधिकारियों की दूसरी सूची जारी कर दी गई।
दूसरी सूची के अनुसार राजनीतिक मामलों की कमेटी में 25 सदस्य बनाए गए हैं। इसी तरह अनुशासन समिति में पांच सदस्यों को शामिल किया गया है। 84 सचिव बनाए गए हैं, संयुक्त सचिवों की संख्या 36 है और कोषाध्यक्ष अशोक सिंह को बनाया गया है। दूसरी सूची में सबसे महत्वपूर्ण नाम कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ का है, जिन्हें पहली सूची में जगह नहीं मिली थी।
पहली सूची में 177 लोगों को स्थान मिला था। इस सूची में परिवारवाद की छाया साफ नजर आई थी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह और नजदीकी रिश्तेदार प्रिय व्रत सिंह के अलावा कांतिलाल भूरिया के पुत्र विक्रांत भूरिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के भाई सचिन यादव को शामिल किया गया था। अब दूसरी सूची में राजनीतिक मामलों की समिति में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और अरुण यादव को जगह मिली है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कार्यकारिणी की पहली सूची ऐसे समय आई, जब राज्य के बुधनी और विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना है। पहली सूची को लेकर हुई बयानबाजी ने पार्टी नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी थी, यही कारण है कि बढ़ते असंतोष को कम करने के लिए पदाधिकारियों की दूसरी सूची जारी की गई है।