भोपाल। मध्य प्रदेश में लोक निर्माण विभाग का इंजीनियर 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया। अधीक्षण यंत्री ने निर्माण कार्यों को लेकर 20 लाख रुपए की मांग की थी, इनमें से पहली किस्त में 10 लाख रुपए दिए जा रहे थे।
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक नर्मदापुरम में लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री आरसी तिरोले ने बैतूल जिले के मुलताई और भैंसदेही में आठ सड़कों के निर्माण को लेकर 20 लाख रुपए की मांग की थी। इसकी शिकायत ठेकेदार ने लोकायुक्त भोपाल पुलिस अधीक्षक से की थी।
कल रविवार को ठेकेदार ने रिश्वत के 10 लाख रुपए देना तय किया। जब यह इंजीनियर अपने आवास पर रिश्वत ले रहा था, तभी लोकायुक्त के दल ने 10 लाख रुपए लेते हुए उन्हें रंगे हाथ पकड़ा। बताया गया है कि बैतूल जिले की आठ सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है। इसकी फाइल नर्मदापुरम के अधीक्षण यंत्री तिरोले के पास पहुंची।
महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सभी सड़कों के निर्माण का काम पूरा नहीं हुआ था और इसमें वृद्धि की मंजूरी की जरूरत थी। इस पर इंजीनियर ने ठेकेदार से 20 लाख रुपए की मांग की। इसकी शिकायत ठेकेदार ने लोकायुक्त भोपाल से की। इस शिकायत की पुष्टि के बाद लोकायुक्त ने योजनाबद्ध तरीके से अधीक्षण यंत्री को 10 लाख रुपए की रिश्वत पहुंचाई। वे जब रिश्वत ले रहे थे, तभी लोकायुक्त के दल ने अधीक्षण यंत्री को रंगे हाथों पकड़ लिया।
उसके पास से इस रकम के पांच-पांच सौ रुपए के नोट की गड्डी मिली। लोकायुक्त में मामला दर्ज कर लिया और आगे की कार्रवाई की जा रही है।