भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वृक्षारोपण अभियान के तीन साल पूरे होने पर राजधानी भोपाल में पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों से आए पर्यावरणविद् और विशेषज्ञ भी मौजूद रहे। पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने नर्मदा जयंती के मौके पर 19 फरवरी 2021 को अमरकंटक से प्रतिदिन पौधारोपण अभियान शुरू किया था। अभियान में उन्होंने 1,095 दिनों में 3,238 पौधों का रोपण किया। तीन साल पूरे होने पर मंगलवार को पर्यावरण सम्मेलन हुआ।
पर्यावरण सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पृथ्वी को बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण संरक्षण गतिविधियां राज्य शासन की प्राथमिकता है। पर्यावरण की रक्षा से संबंधित विशेषज्ञों से प्राप्त सुझावों पर राज्य शासन आवश्यक निर्णय लेगा। प्रदेश के नगरों में आमजन को पौधरोपण के लिए विभिन्न नर्सरी के माध्यम से पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे। नगरीय और ग्रामीण निकाय हरियाली के विकास के लिए स्थान सुरक्षित करेंगे। इसके साथ ही सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा और सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजनीति के क्षेत्र में होने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान पर्यावरण संरक्षण के महत्वपूर्ण अभियान से जुड़े हैं। वे हमारे आदर्श हैं। उनके द्वारा गत तीन वर्ष से प्रतिदिन पौधा लगाने का कार्य प्रेरक है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज यहां नागरिकों ने वर्ष में कम से कम एक पेड़ लगाने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य प्राप्त करने में सहयोग, घरों में सोलर पैनल की स्थापना, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने और बेटा-बेटी से समान व्यवहार करने का संकल्प लिया है। प्रत्येक नगर और ग्राम में पर्यावरण के प्रति सजग नागरिकों की एक टीम तैयार कर सरकार और समाज के संयुक्त प्रयासों में सहयोग का संकल्प भी लिया गया है।
पर्यावरणविद् पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि आज विकसित देश अनेक कष्टों से गुजर रहे हैं। प्रकृति के प्रति सभी को गंभीर होना चाहिए। मध्य प्रदेश में आर्थिक विकास की तरह प्रकृति के संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों का लेखा-जोखा रखा जा रहा है, जो अनुकरणीय है।
प्रख्यात गीतकार समीर अंजान ने कहा कि उन्होंने सर्वाधिक गीत लिखने के कीर्तिमान बनाने के बाद अब यह संकल्प लिया है कि पर्यावरण पर केंद्रित गीत भी लिखेंगे। अर्जित आय का दस प्रतिशत हार्ट-फुलनेस जैसी संस्थाओं को देने का संकल्प भी लिया है।