नई दिल्ली। इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) के प्रवक्ता ने बताया कि गाजा पट्टी में अधिक मानवीय सहायता पहुंच रही है। पिछले सप्ताह कुछ दिनों में 400 से अधिक लॉरियां मानवीय सहायता लेकर यहां पहुंची हैं।
इजरायल पर भूमध्य सागर के सील बंद क्षेत्र में अधिक सहायता वितरण की अनुमति देने के लिए भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव है।
संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में आने वाली लॉरियों की संख्या में वृद्धि की पुष्टि की है, लेकिन वह इजरायल से अधिक सहायता वितरण की अनुमति देने के लिए और कदम उठाने का आह्वान कर रहा है। गाजा पट्टी में प्रवेश करने वाली लॉरियों पर संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े भी अक्सर इजरायल द्वारा जारी आंकड़ों से काफी कम होते हैं।
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय के अनुसार, 18 अप्रैल तक और इसमें शामिल सप्ताह में प्रति दिन औसतन केवल 175 रॉलियां आईं।
सहायता संगठनों ने कहा कि युद्ध से पहले हर दिन लगभग 500 ट्रक क्षेत्र में प्रवेश करते थे। हालांकि, सेना के प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि ये सिर्फ मानवीय सहायता नहीं ले जा रहे थे। युद्ध से पहले गाजा का अपना कृषि उद्योग था, जिससे आबादी को खाना खिलाने में मदद मिलती थी।
आईडीएफ प्रवक्ता ने कहा, “गाजा पट्टी के तट पर अमेरिकी सेना द्वारा एक अस्थायी बंदरगाह के निर्माण से सहायता की मात्रा और बढ़ाई जाएगी।”
बंदरगाह के मई की शुरुआत में चालू होने की उम्मीद है। अमेरिकी सरकार का मानना है कि पहले चरण में, बंदरगाह के माध्यम से प्रतिदिन 90 लॉरियों के साथ सहायता सामग्री पहुंचाई जा सकती है। हर रोज यह सख्या बढ़कर 150 लॉरी तक हो सकती है।
इजराइल ने हाल ही में सहायता वितरण के लिए अतिरिक्त सीमा पार मार्ग खोले हैं।
गाजा में मानवीय स्थिति विनाशकारी बताई जा रही है, खासकर उत्तर में। स्वतंत्र विशेषज्ञों का मानना है इस क्षेत्र में अकाल का खतरा है।