इंदौर। मध्य प्रदेश के बीना विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता खत्म किए जाने संबंधी याचिका पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में सोमवार को सुनवाई हुई। इस पर न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और विधायक निर्मला सप्रे को नोटिस जारी किया। इस मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की ओर से उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका में कहा गया है कि सागर जिले की बीना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक के तौर पर निर्वाचित निर्मला सप्रे ने दल बदल लिया है इसीलिए उनकी सदस्यता खत्म की जाए। विधायक पर आरोप लगाया गया है कि वे पिछले छह माह से भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल हो रही हैं। अब तक उनकी सदस्यता रद्द नहीं की गई है।
उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने सोमवार को इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और विधायक निर्मला सप्रे को नोटिस जारी किया।
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे राहतगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुई थी, जहां मुख्यमंत्री मोहन यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने उन्हें भाजपा का चिन्ह (पटका) दिया था। इतना ही नहीं उसके बाद से निर्मला सप्रे लगातार भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल हो रही हैं। इस पर कांग्रेस की ओर से लगातार आपत्ति की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा अध्यक्ष को एक आवेदन देकर विधायक की सदस्यता खत्म करने का आग्रह किया था, लगभग ढाई महीने बाद यह बात सामने आई कि फाइल ही गुम हो गई है।
उसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने संबंधित दस्तावेज विधानसभा अध्यक्ष को भेजें। उसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद ही नेता प्रतिपक्ष ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।