इजराइली सेना ने गाजा के ‘मानवीय क्षेत्र’ के कुछ हिस्से को खाली करने का दिया आदेश

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नई दिल्ली। गाजा के ‘मानवीय क्षेत्र’ के कुछ हिस्सों के निवासियों को वहां से किसी अन्य स्थान पर जाने का आदेश दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यकर्ताओं ने बताया कि आदेश के बाद लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने सोमवार को कहा कि उसे रिपोर्ट मिली है कि इजराइली सेना के आदेश के बाद लोग देर अल बलाह और पश्चिमी खान यूनिस की ओर पलायन करने लगे हैं।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों क्षेत्रों में पहले से ही बहुत ज्यादा भीड़भाड़ है और सीमित सेवाएं तथा आश्रय स्थल उपलब्ध हैं। ओसीएचए ने कहा कि इजराइली सेना के नये आदेश में खान यूनिस में ‘मानवीय क्षेत्र’ (ह्यूमैनिटेरियन जोन) के पूर्वी हिस्से में स्थित क्षेत्र शामिल हैं।

ओसीएचए का कहना है कि लगातार संघर्ष और दूसरे स्थलों पर जाने के आदेश से गाजा की स्वास्थ्य प्रणाली को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। बार-बार विस्थापित होने वाले लोगों के लिए जरूरी सेवाएं पहुंचा पाना मुश्किल होता जा रहा है।

फिलिस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए ने बताया कि इजराइली सेना ने रविवार को गाजा शहर की ओर जा रहे संयुक्त राष्ट्र के काफिले पर फायरिंग की। यूएनआरडब्ल्यूए के कमिश्नर-जनरल फिलिप लाजारिनी ने कहा कि हमले में कोई हताहत नहीं हुआ। संयुक्त राष्ट्र के चिन्ह वाली बख्तरबंद वाहनों में यात्रा कर रहीं एजेंसी की टीमों को छिपना पड़ा।

उन्होंने कहा कि गाजा के दक्षिण में इजराइली सेना की चौकी के पास इंतजार करते समय एक वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

फिलिप लाजारिनी ने कहा कि काफिले की आवाजाही को इजराइली अधिकारियों के साथ समन्वित किया गया था। घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के मुख्य प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, “यह बेहद चिंताजनक है। हमने देखा है कि इस ऑपरेशन में हमारे सहकर्मी मारे गए हैं। हमने देखा है कि वर्ल्ड सेंट्रल किचन (डब्ल्यूसीके) के साथ क्या हुआ। हमें इसकी तह तक जाने की जरूरत है।”

इजराइली अधिकारियों ने यूएनआरडब्ल्यूए कर्मचारियों पर पिछले साल सात अक्टूबर को इजराइलियों पर हुए हमास के घातक हमले में शामिल होने का आरोप लगाया है। अप्रैल में उनके काफिले पर इजरायली ड्रोन हमले में डब्ल्यूसीके के सात कर्मचारी मारे गए थे।

प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने पत्रकारों से कहा, “हमेशा की तरह हम जहां भी काम करते हैं, हम वहां के अधिकारियों की सुरक्षा में काम करते हैं। गाजा में हमारे पास सशस्त्र सुरक्षा नहीं है। इस संघर्ष में सभी पक्षों का यह दायित्व है कि वे संयुक्त राष्ट्र और सभी मानवीय कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा है कि गाजा में मानवीय अभियान जारी रहेंगे।”

ओसीएचए ने कहा, “गाजा में लोगों को पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है। 8 से 21 जुलाई के बीच प्रतिदिन औसत जल आपूर्ति लगभग 90 हजार क्यूबिक मीटर थी, जो पिछले साल अक्टूबर की तुलना में करीब एक चौथाई है।”

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