नई दिल्ली। जापान के आम चुनाव में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) और उसके सहयोगी कोमिटो का सत्तारूढ़ गठबंधन बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाया। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी, जापान की संवैधानिक लोकतांत्रिक पार्टी ने महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की।
15 वर्षों में पहली बार लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसके सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी कोमिटो ने निचले सदन में अपना बहुमत खोया है। पिछली बार उन्होंने 2009 में बहुमत खोया था।
एलडीपी और कोमिटो को संसद के शक्तिशाली सदन में 465 सीटों में से कुल 215 सीटें मिलीं, जो बहुमत के लिए जरूरी 233 सीटों से कम है।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एलडीपी ने अकेले 191 सीटें जीतीं। जबकि चुनाव से पहले उसके पास मौजूद 247 सीटों से बहुत कम है।
इसके विपरीत, मुख्य विपक्षी संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी 148 सीटों पर पहुंच गई जो चुनाव से पहले 98 सीटों तक सीमित थी।
चुनाव नतीजे काफी हद तक मीडिया के पूर्वानुमानों के अनुरूप है। यह चुनाव स्लश फंड घोटाले के बाद पहला राष्ट्रव्यापी मतदान है, जिसने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को हिलाकर रख दिया था। इसकी वजह से जनता का पार्टी में विश्वास कम हुआ और इसी के चलते फुमियो किशिदा को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा।
पब्लिक ब्रोडकास्टर एनएचके के मुताबिक, खराब प्रदर्शन के बाद, प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने अपनी सरकार को स्थिर करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। उन्होंने अन्य दलों से सहयोग लेने की योजना की घोषणा की।
देश के 50वें प्रतिनिधि सभा चुनाव में कुल 1,344 उम्मीदवार मैदान में थे, जो 2021 में पिछले ऐसे चुनाव में 1,051 से अधिक थे।