कर्नाटक में दलितों को भैंस का मांस खाने के लिए मजबूर करने को रोकने की मांग

Dalit

नई दिल्ली। राज्य दलित संघर्ष समिति (क्रांतिकारी इकाई) ने यहां जिला और पुलिस अधिकारियों के पास एक शिकायत दर्ज कराई है, इसमें उनसे देवताओं को बलि किए गए भैंसों का मांस खाने के लिए दलितों को मजबूर करने की परंपरा को रोकने का आग्रह किया गया है।

राज्य महासचिव मल्लिकार्जुन क्रांति ने शनिवार को यादगीर जिले के जिला आयुक्त और पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई।

उन्होंने कहा कि सुरपुरा तालुक के देवीकेरा गांव में धार्मिक मेले में देवताओं को कई भैंसों की बलि दी जाएगी।

दलितों को बलि दी गई भैंसों का मांस खाने या गांव से बहिष्कार का सामना करने के लिए मजबूर किया जाता है।

देवीकेरा धार्मिक मेला 18 दिसंबर से दो दिनों के लिए निर्धारित है, जहां देवी दयमम्मा और पालकम्मा को भैंसों की बलि दी जाएगी।

मल्लिकार्जुन क्रांति ने बताया कि अगर दलित 10 से अधिक बलि दी गई भैंसों का मांस खाने से इनकार करते हैं, तो उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा।

देवीराकेरा सहित आसपास के गांवों में भैंस की बलि व्यापक रूप से प्रचलित है और क्रांति ने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप करने और इस अंधविश्वास को खत्म करने का आग्रह किया है।

भैंस की बलि के बारे में सार्वजनिक घोषणाएंं की जाती हैं, और देवीराकेरा गांव में लोगों से धन एकत्र किया जाता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों को चेतावनी दी जाती है कि वे फंड और भैंस की बलि के संबंध में कोई बयान न दें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *