जम्मू-कश्मीर में लोग धूमधाम से मना रहे लोहड़ी का त्यौहार

lohri

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर सांस्कृतिक अकादमी ने शनिवार को कला केंद्र में लोहड़ी का त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया। इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक सचिव और डीआईजी जम्मू-कठुआ रेंज शिव कुमार शर्मा ने प्रमुख रूप से भाग लिया।

लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्यौहार है, जो मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर, त्यौहार बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। आम तौर पर, इस रात, परिवार और पड़ोसी एक खुली जगह में अलाव के चारों ओर इकट्ठा होते हैं। वे आग के चारों ओर बैठकर और रेवड़ी (चीनी में लिपटे तिल), मूंगफली और पॉपकॉर्न जैसी पारंपरिक चीजों का आनंद लेकर जश्न मनाते हैं।

मकर संक्रांति से एक दिन पहले पौष महीने में मनाया जाता है। यह त्यौहार दुल्ला भट्टी की कहानी से जुड़ा है, जो एक महान योद्धा थे जिन्होंने लड़कियों की तस्करी के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। यह माता सती से भी जुड़ा हुआ है, क्योंकि होलिका दहन सती के आत्मदाह की याद का प्रतीक है। इस दिन अग्नि में तिल, मूंगफली और मक्के से बनी चीजें चढ़ाई जाती हैं।

जनरल जोरावर सिंह मेमोरियल ट्रस्ट की आयोजक रिया ने आईएएनएस को बताया, “जनरल जोरावर सिंह मेमोरियल ट्रस्ट आज बहुत ही धूमधाम से लोहड़ी का त्यौहार मना रहा है। हमारे कुछ सांस्कृतिक त्यौहार खत्म होते जा रहे हैं। आज हम चार लोगों के परिवार में बंधकर रह गए हैं। पहले पूरा मोहल्ला मिलकर लोहड़ी मनाता था, लेकिन आज यह खत्म होता जा रहा है। इस त्यौहार को बचाने के लिए हम इसका आयोजन कर रहे हैं।”

महिला कलाकार श्रुति ठाकुर ने आईएएनएस को बताया, “लोहड़ी खुशियों का त्यौहार है। इसे सभी को मिलजुल कर मनाना चाहिए। मेरा सभी को यही संदेश है कि यह साल का पहला त्यौहार है। जो जहां पर हैं, वो वहां पर खुशी से यह त्यौहार मनाए और एक-दूसरे से खुशियां बांटे।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *