नई दिल्ली। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस द्वारा देश के ऋण परिदृश्य को नकारात्मक में बदलने के बाद अमेरिका अपनी परफेक्ट क्रेडिट रेटिंग खोने के एक कदम और करीब पहुंच गया है।सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि इस कदम यह मतलब नहीं है कि इससे देश की साख अपने-आप कम हो जाएगी, लेकिन इससे ऐसा होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी रेटिंग में गिरावट की संभावना भी अमेरिकियों के निवेश पोर्टफोलियो को नुकसान पहुंचा सकती है, उनके लिए पैसा उधार लेना तथा सरकार के लिए अपने कर्ज का भुगतान करना और भी महंगा हो सकता है।
यदि मूडीज़ अंततः अमेरिकी ऋण साख को कम करता है तो ये प्रभाव और भी अधिक दर्दनाक होंगे।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, मूडीज ने एक बयान में कहा कि वाशिंगटन में अत्यधिक पक्षपात के कारण देश की कम होती राजकोषीय ताकत इस कार्रवाई की मुख्य वजह थी।
बयान में कहा गया है, “उच्च ब्याज दरों के संदर्भ में सरकारी खर्च को कम करने या राजस्व बढ़ाने के लिए प्रभावी राजकोषीय नीतिगत उपायों के बिना, मूडीज को उम्मीद है कि अमेरिका का राजकोषीय घाटा बहुत बड़ा रहेगा, जिससे ऋण सामर्थ्य काफी कमजोर हो जाएगा।”
अमेरिकी सरकार के अधिकारियों ने अन्य कारकों के अलावा, अमेरिकी राजकोष की तरलता का हवाला देते हुए इस कदम को पीछे धकेल दिया।
अमेरिका के उप वित्त मंत्री वैली एडेइमो ने एक बयान में कहा, “हम दृष्टिकोण में बदलाव कर नकारात्मक करने से असहमत हैं।”
इसमें कहा गया है, “अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, और ट्रेजरी प्रतिभूतियां दुनिया की प्रमुख सुरक्षित और तरल संपत्ति हैं।”
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, तीन प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में से सिर्फ मूडीज ही वर्तमान में अमेरिका को एएए की उत्कृष्ट रेटिंग प्रदान किये हुये है, जिसे उसने 1917 से बनाए रखा है।
स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने ऋण सीमा गतिरोध के बाद 2011 में पहली बार अमेरिका की रेटिंग घटाई थी।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, हालिया ऋण सीमा बहस के बाद फिच रेटिंग्स ने भी इस साल अगस्त में अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग घटा दी थी।