भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने दिग्गज नेताओं की पूरी टीम को मोर्चे पर लगा दिया है। चुनाव लड़ रहे नेता जहां अधिकांश समय अपने संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हैं तो वहीं दीगर नेता अन्य संसदीय क्षेत्र में पहुंचकर मतदाताओं का दिल जीतने की हर संभव कोशिश में लगे हैं। सभी नेता मोदी सरकार की 10 साल की उपलब्धियां का सिलसिलेवार ब्यौरा भी दे रहे हैं। राज्य में लोकसभा की 29 सीटों पर चुनाव चार चरणों में होने वाले हैं। इन चुनाव में प्रचार की कमान मुख्य तौर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अलावा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के हाथ में है। इसके अलावा पार्टी के अन्य प्रमुख नेताओं में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्य सरकार के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ला, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह, प्रदेश के चुनाव प्रभारी डॉ महेंद्र सिंह, सह प्रभारी सतीश उपाध्याय और प्रदेश संगठन के महामंत्री हितानंद संभाले हुए हैं।
ये नेता हर इलाके में पहुंचकर जनसभाएं कर रहे हैं तो वहीं कार्यकर्ताओं की बैठक में भी हिस्सा ले रहे हैं। भाजपा के तमाम बड़े नेता एक खास रणनीति के मुताबिक, कांग्रेस को घेर रहे हैं। उनके निशाने पर मुख्य तौर पर महाकौशल में कमलनाथ होते हैं तो वहीं ग्वालियर-चंबल इलाके में दिग्विजय सिंह। भाजपा नेताओं के हमले धारदार हैं और वे मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह के शासनकाल की याद दिलाने में पीछे नहीं रहते। एक तरफ जहां कांग्रेस और कांग्रेस की नीतियों की आलोचना का सिलसिला जारी है तो वही मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल का ब्यौरा दिया जा रहा है और बीते 20 सालों में मध्य प्रदेश में भाजपा के शासनकाल में हुए विकास कार्यों का हिसाब किताब भी। कुल मिलाकर, भाजपा की पूरी टीम मोर्चे पर है और वह कांग्रेस के अलावा उसके उम्मीदवार को घेरने में पीछे भी नहीं है।