जबलपुर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में गत दिनों बोरवेल की घटना में ढाई वर्षीय मासूम बच्ची की मौत के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने संज्ञान याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव तथा पीएचई विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि बोरवेल साइलेंट किलर साबित हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण लापरवाही, जागरूकता में कमी तथा अपर्याप्त सुरक्षा उपाय है। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है।
गौरतलब है कि सीहोर जिले के ग्राम मुगावली में गत 6 जून को ढाई साल की मासूम सृष्टि खेलते समय खेत में खुले बोरवेल में गिर गई थी। बच्ची बोरवेल में 40 फीट अंदर जाकर फंस गई थी। उसे बचाने के लिए रोबोटिक विशेषज्ञों, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर्मियों की टीम ने कोशिशें प्रारंभ की थीं। बचाव अभियान में इस्तेमाल की जा रही मशीनों के कंपन के कारण बच्ची 100 फीट गहराई तक चली गई थी।
बचाव कार्य लगभग 50 घंटे तक चला और उसे बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया। उसे उपचार के लिए ले जाया गया और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।