भोपाल। मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन की कवायद जारी है। इसके लिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक की दौड़ चल रही है। मगर मंत्रिमंडल में किसे जगह मिलेगी, यह तय नहीं है। विधानसभा चुनाव में जीते दिग्गजों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी अथवा नहीं, इसको लेकर भी संशय बना हुआ है।
दरअसल, राज्य के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ा बहुमत मिला है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के अलावा दो उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा शपथ ले चुके हैं। इसके बाद से मंत्रिमंडल को लेकर एक तरफ कयासबाजी चल रही है तो दूसरी ओर भाजपा में मंथन जारी है।
मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के अलावा संगठन की ओर से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा व संगठन महामंत्री हितानंद दिल्ली का दौरा कर चुके हैं और उनकी वरिष्ठ नेताओं से इस मसले पर चर्चा भी हो चुकी है। पार्टी के अन्य दिग्गज नेताओं ने भी दिल्ली का दौरा किया है।
सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल में पहले चरण में 20 से कम मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। लोकसभा चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल का अगला विस्तार संभव हो पाएगा। शुरुआती तौर पर मंत्रिमंडल में अनुभवी और युवा विधायकों को जगह दिए जाने की संभावना बनी हुई है। वरिष्ठ नेताओं में शामिल राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, पूर्व सांसद रीति पाठक, उदय प्रताप सिंह और राकेश सिंह मंत्री पद के दावेदार हैं। लेकिन, उनके मंत्री बनाए जाने को लेकर संशय बना हुआ है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने का पहले ही फैसला हो चुका है। सूत्रों की माने तो राष्ट्रीय नेतृत्व और राज्य की इकाई के बीच संभावित मंत्रियों के नाम पर चर्चा हो चुकी है और विधानसभा चुनाव जीतने वाले अधिकांश पूर्व सांसदों ने मंत्रिमंडल में शामिल होने पर अपनी सहमति भी दे दी है।
मगर, किसे शामिल किया जाता है और किसे बाहर रखा जाता है, यह आने वाले दिनों में ही तय होगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता कह चुके हैं कि मंत्रिमंडल में किसे जगह मिलेगी, यह फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा के बाद तय होगा।