भोपाल। मध्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की तारीख निकल चुकी है, मगर मतदाताओं की चुप्पी अब भी बरकरार है और यही चुप्पी उम्मीदवार से लेकर राजनीतिक दलों को हैरान कर रही है। राज्य की 230 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 17 नवंबर को मतदान होने वाला है और दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस व भाजपा सभी सीटों के लिए अपने उम्मीदवार मैदान में उतार चुकी है।
दोनों ही दलों ने बड़ी संख्या में बागियों को मनाने में कामयाबी हासिल कर ली है, मगर अब भी 15 से ज्यादा ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां बागी मैदान में है।
दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी जहां अब भी बागियों को मनाने में लगी है, वहीं दूसरी ओर मतदाताओं की नब्ज टटोलने का दौर भी जारी है।
जमीनी फीडबैक जो राजनीतिक दलों के पास आ रहा है वह उन्हें हैरान करने वाला है। मतदाता न तो किसी की आलोचना करने को तैयार हैं और न ही किसी के पक्ष में बोलने को। दोनों ही दल इस भरोसे में हैं कि मतदाता उनके साथ होगा और सत्ता की कुर्सी पर वही काबिज होंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों को मानना है कि आमतौर पर नामांकन भरने और वापसी तक मतदाताओं का यही रुख रहता है, मगर इस बार मतदाताओं की चुप्पी कहीं ज्यादा है और वह दोनों ही राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र, वचन पत्र का अध्ययन करने और उम्मीदवार का आंकलन करने के बाद ही कोई मानस बनाएंगे, ऐसा अभी तक नजर आ रहा है। उसी के चलते मतदाताओं की चुप्पी और लंबी खींचने की संभावना बनी हुई है।