नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा कि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की आगामी यात्रा के दौरान नेपाल और भारत के बीच हस्ताक्षरित होने वाला दीर्घकालिक ऊर्जा समझौता एक मील का पत्थर साबित होगा।
मई-जून में पुष्प कमल दहल की भारत यात्रा के दौरान, दोनों देश एक दीर्घकालिक ऊर्जा समझौते पर हस्ताक्षर करने पर सहमत हुए थे, जिसके तहत भारत 10 वर्षों में नेपाल से 10,000 मेगावाट बिजली का आयात करेगा। हालांकि, उस समय औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो सके थे।
अब, दोनों देशों ने दीर्घकालिक अंतर-सरकारी ऊर्जा व्यापार समझौते को औपचारिक रूप दे दिया है, जिस पर जयशंकर की नेपाल यात्रा के दौरान हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
नेपाली पीएम दहल ने शुक्रवार को दूसरे सबसे बड़े ऊर्जा सबस्टेशन का उद्घाटन करते हुए कहा, जल्द ही हम भारत के साथ दीर्घकालिक ऊर्जा समझौते पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य भारत को बिजली निर्यात करना है।
नेपाल-भारत के बीच मध्यावधि और दीर्घकालिक ऊर्जा व्यापार समझौते पर काठमांडू में हस्ताक्षर किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए वरिष्ठ भारतीय अधिकारी भी काठमांडू पहुंच रहे हैं। 25 साल के दीर्घकालिक समझौते की शुरुआत तब हुई जब दहल ने 31 मई से 3 जून के बीच भारत दौरा किया था।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दहल के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान घोषणा की थी कि पड़ोसी दीर्घकालिक बिजली व्यापार समझौते के तहत नेपाल से 10 वर्षों में 10,000 मेगावाट बिजली खरीदेगा।