नई दिल्ली। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने गुरुवार को तुर्की के अंकारा में अपनी यात्रा के दौरान कहा कि एकीकृत फिलिस्तीन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता के बिना क्षेत्र में शांति, एकता और समृद्धि संभव नहीं है।
समाचार एजेंसी शिंहुआ के मुताबिक, महमूद अब्बास ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन के साथ बुधवार को मुलाकात के बाद, तुर्की की संसद में भाषण दिया। पिछले अक्टूबर से गाजा में चल रहे संघर्ष के बाद किसी सार्वजनिक स्थान पर उनको पहली बार देखा गया है।
भाषण के दौरान, उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समाज को गाजा संकट पर चुप नहीं रहना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका ने गाजा के संबंध में यूएन सुरक्षा परिषद में तीन बार वीटो पावर का उपयोग किया है और फिलिस्तीन समस्या से संबंधित प्रस्तावों को लागू नहीं होने दिया।
उन्होंने आगे कहा कि फिलिस्तीन की मान्यता क्षेत्र की शांति, एकता और समृद्धि की कुंजी है।
उन्होंने आगे कहा अगर फिलिस्तीन के लोगों में राष्ट्रीय एकता नहीं होती, तो अंतिम विजय प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।
वर्तमान में, फिलिस्तीन को यूएन सदस्य देशों में 145 देशों द्वारा मान्यता प्राप्त है, लेकिन फिलीस्तीन संयुक्त राष्ट्र मे एक पर्यवेक्षक देश है, पूर्ण सदस्य नहीं।
अपने भाषण के दौरान, फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने यह कहते हुए गाजा जाने की घोषणा की कि गाजा के बच्चों की तुलना में उनका जीवन अधिक मूल्यवान नहीं है।
अब्बास की अंकारा यात्रा उस समय की गई जब गाजा में चल रहे इजरायली हमलों में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या 40,000 से अधिक हो गई है।
हमास के पूर्व नेता इस्माइल हानिया की ईरान में हत्या के बाद क्षेत्र में बढ़ते संघर्ष को लेकर भी चिंता जाहिर की गई।
ईरानी सरकार बार-बार इस हमले का बदला लेने की बात कर रही है। ईरान का मानना है कि इजराइल ने हानिया की हत्या की है।