नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मंत्रिपरिषद की एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें ‘विकसित भारत 2047’ के विजन दस्तावेज और अगले पांच वर्षों के लिए एक विस्तृत कार्य योजना पर विचार-मंथन सत्र आयोजित किया गया।यह बैठक यहां चाणक्यपुरी डिप्लोमैटिक एन्क्लेव में सुषमा स्वराज भवन में आयोजित की गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नियमित अंतराल पर मंत्रिपरिषद की बैठकें करते रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मई 2024 में नई सरकार के गठन के बाद त्वरित कार्यान्वयन के लिए तत्काल कदमों के 100-दिवसीय एजेंडे पर भी काम किया गया।
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि विकसित भारत का रोडमैप दो साल से अधिक की गहन तैयारी का परिणाम है।
इसमें ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण शामिल था, जिसमें सभी मंत्रालय शामिल थे और राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग निकायों, नागरिक समाज, वैज्ञानिक संगठनों के साथ व्यापक परामर्श और युवाओं को उनके विचारों, सुझावों और इनपुट के लिए संगठित करना शामिल था।
विभिन्न स्तरों पर 2,700 से अधिक बैठकें, कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए गए, जिनमें 20 लाख से अधिक युवाओं के सुझाव मिले।
विकसित भारत के रोडमैप में स्पष्ट रूप से व्यक्त राष्ट्रीय दृष्टिकोण, आकांक्षाओं, लक्ष्यों और कार्य बिंदुओं के साथ एक व्यापक खाका है।
इसके लक्ष्यों में आर्थिक विकास, एसडीजी, जीवनयापन में आसानी, व्यापार करने में आसानी, बुनियादी ढांचा, सामाजिक कल्याण आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि चुनाव आयोग जल्द ही लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।
रविवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक को पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल की आखिरी बैठक माना जा रहा है।
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने पीएम मोदी के नेतृत्व और दूरदर्शिता के तहत लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखने का विश्वास जताया है।