कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा अपने बयान से फिर घिरे विवादों में, जानें पूरा मामला

pradeep

भोपाल। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से नाता रखने वाले कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा अपने एक बयान के कारण विवादों में हैं। अब उनकी मुसीबतें भी बढ़ने वाली हैं।

संत समाज अपनी लगातार नाराजगी जाहिर कर रहा है। पिछले दिनों पंडित प्रदीप मिश्रा ने छत्तीसगढ़ में कथा के दौरान राधा रानी पर एक बयान दिया था। उनके इस बयान पर मथुरा के संत प्रेमानंद ने आपत्ति दर्ज कराई थी। उसके बाद से प्रदीप मिश्रा के खिलाफ लोगों की नाराजगी बढ़ती ही जा रही है।

राज्य के विदिशा में सर्व समाज ने पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही उनसे माफी मांगने को भी कहा। उज्जैन के महर्षि सांदीपनि के वंशज पंडित रूपम व्यास ने तो प्रदीप मिश्रा से कहा है कि वह नाक रगड़कर माफी मांगे, नहीं तो उनके आश्रम और उज्जैन आने पर प्रतिबंध तक लगाया जा सकता है।

ज्ञात हो कि प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि राधा रानी श्री कृष्ण की पत्नी नहीं हैं, उनका छाता निवासी अनय घोष के साथ विवाह हुआ था। उनके पिता वर्ष में एक बार कचहरी लगाने आते थे, इसलिए उस स्थान का नाम बरसाना पड़ गया।

पंडित मिश्रा के इस बयान का साधु-संत समाज लगातार विरोध कर रहा है। बरसाना में तो साधु-संतों की एक महापंचायत भी हो चुकी है। इसमें बड़ी संख्या में साधु-संत और धार्मिक संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए थे। इस महापंचायत में प्रदीप मिश्रा को माफी मांगने के लिए चार दिन का अल्टीमेटम दिया गया है।

बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर प्रवचन देते हैं। उनका सीहोर जिले में कुबेरेश्वर नाम से आश्रम है। यहां शिव की आराधना की जाती है। देश के अलग-अलग हिस्सों से लाखों भक्त यहां पहुंचते हैं। अब वे इन दिनों अपने एक बयान के कारण चर्चाओं में हैं।

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