नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को मुंबई के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े को आर्यन खान रिश्वत मामले में गिरफ्तारी पर पांच दिनों के लिए रोक लगा दी। न्यायमूर्ति विकास महाजन ने वानखेड़े द्वारा दायर याचिका पर आदेश पारित किया।
अदालत ने कहा, नतीजतन वानखेड़े को बयान दर्ज कराने के लिए कल (गुरुवार को) सीबीआई कार्यालय में पेश होने की जरूरत नहीं होगी और 22 मई तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
उच्च न्यायालय से अंतरिम राहत वानखेड़े के लिए राहत के रूप में आती है, जिन्होंने किसी भी प्रतिकूल कार्रवाई के खिलाफ सुरक्षा मांगी थी।
इसके अलावा, अदालत ने वानखेड़े को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया है।
वानखेड़े पर एनसीबी के अन्य सदस्यों और कुछ व्यक्तियों के माध्यम से सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के परिवार से 25 करोड़ रुपये निकालने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है। बाद में राशि को घटाकर 18 करोड़ रुपये कर दिया गया और कथित तौर पर 50 लाख रुपये की टोकन राशि का भुगतान किया गया।
डीडीजी, एनसीबी, ज्ञानेश्वर सिंह ने सीबीआई को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके आधार पर जांच एजेंसी ने मामला दर्ज किया है।
सिंह ने वानखेड़े के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए सीबीआई को रिपोर्ट सौंपी थी, उसके बाद एनसीबी के तत्कालीन अधीक्षक वी.वी. सिंह और फिर मामले के आईओ आशीष रंजन को रिपोर्ट सौंपी गई थी।
वानखेड़े, एक आईआरएस अधिकारी, जो इस समय डीजीटीएस चेन्नई में हैं, को अपना बयान दर्ज कराने के लिए सीबीआई के मुंबई जोन कार्यालय में पेश होना होगा।
उनका सेल फोन पहले सीबीआई ने उनसे डेटा हासिल करने के लिए जब्त किया था।