नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा दो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के खिलाफ जांच शुरू करने के बाद बुधवार को अदाणी समूह के शेयरों में स्थिरता रही। इन दो कंपनियों में एक पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से ठीक पहले समूह की कंपनियों के शेयरों में शॉर्ट कारोबार का आरोप है।
पूंजी बाजार नियामक ने विदेशी फंडों के इन दो अलग-अलग समूहों से संभावित नियम उल्लंघन के लिए स्पष्टीकरण मांगा है।
मामले के जानकार लोगों ने पहचान न बताने की शर्त पर बताया कि बाजार में हेरफेर के आरोपों का सामना कर रहे समूह पर संदेह है कि उसने अरबपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाली फर्मों के शेयरों में शॉर्ट कारोबार किया यानि बेहद कम समय के लिए बड़ी संख्या में शेयर खरीदकर दाम बढ़ाए और फिर मुनाफाखोरी कर शेयर बेच दिये क्योंकि उसे खबर मिली थी कि शॉर्ट सेलर रिपोर्ट जल्द ही प्रकाशित की जाएगी। उन्होंने फंड का नाम नहीं बताया।
निवेशकों के दूसरे समूह की जांच जून 2021 में अडाणी के शेयरों में भारी निवेश के लिए की जा रही है।
अडाणी समूह पहले ही इन फंडों के साथ किसी भी तरह के जुड़ाव से इनकार कर चुका है।
फंड का स्पष्टीकरण सुनने के बाद बाजार नियामक नई जांच में अंतिम आदेश जारी करेगा।
सेबी या अदाणी समूह ने रिपोर्टों पर कोई टिप्पणी नहीं की। रिपोर्टों के अनुसार, सेबी ने फंडों पर अपने अंतिम लाभकारी मालिकों के बारे में जानकारी बनाए रखने और खुलासा करने में विफल रहने के साथ-साथ कुछ अवधि के दौरान अदाणी समूह की सूचीबद्ध संस्थाओं में निवेश सीमा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।