नई दिल्ली। राजधानी अंकारा में आत्मघाती बम हमले के बाद तुर्की की सेना ने इराक में तीसरा सीमा पार हवाई अभियान चलाया।
तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फ़िदान ने बुधवार को एक सुरक्षा बैठक में चेतावनी दी कि सीरिया और इराक में प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) और सीरियाई कुर्द पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी) के बुनियादी ढांचे और ऊर्जा सुविधाएं अब तुर्की सेना के निशाने पर हैं।
फ़िदान ने खुलासा किया कि अंकारा में रविवार को हुए आत्मघाती बम हमले के लिए ज़िम्मेदार दो हमलावर सीरिया से आए थे। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की के आंतरिक मंत्रालय ने दोनों हमलावरों की पहचान पीकेके सदस्यों के रूप में की है।
तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध पीकेके तीन दशकों से अधिक समय से तुर्की सरकार के खिलाफ विद्रोह कर रहा है।
रविवार को तुर्की के आंतरिक मंत्रालय की इमारत के सामने हुए हमले में दो पुलिस अधिकारी घायल हो गए। हमले के दौरान एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया, जबकि दूसरे को पुलिस ने गोली मार दी.
तुर्की रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तुर्की सशस्त्र बलों ने पीकेके के खिलाफ रविवार और मंगलवार को दो बड़े हवाई अभियान चलाए और उत्तरी इराक में गुफाओं, बंकरों, आश्रयों व गोदामों सहित 22 ठिकानों को नष्ट कर दिया।
तुर्की सेना अक्सर पीकेके के खिलाफ उत्तरी इराक में जमीनी कार्रवाई, हवाई हमले और तोपखाने बमबारी करती रहती है, खासकर समूह के मुख्य आधार कंदील पर्वत में।
तुर्की सेना ने पड़ोसी देशों के साथ अपनी सीमा पर वाईपीजी मुक्त क्षेत्र बनाने के लिए 2016 में ऑपरेशन यूफ्रेट्स शील्ड, 2018 में ऑपरेशन ओलिव ब्रांच, 2019 में ऑपरेशन पीस स्प्रिंग और 2020 में उत्तरी सीरिया में ऑपरेशन स्प्रिंग शील्ड चलाया था।