उज्जैन में श्री महाकाल की सवारी के लिए पुख्ता इंतजाम, राज्य सरकार के मंत्री भी होंगे शामिल

Mahakal

उज्जैन। भगवान श्री महाकाल की पहली सवारी सावन के पहले दिन सोमवार 22 जुलाई के निकाली जाएगी।

प्रशासनिक संकुल भवन में शनिवार को उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि 22 जुलाई से सावन शुरू हो रहा है। इस दिन श्री महाकाल की पहली सवारी निकाली जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस बार कुल सात जुलूस निकलेंगे। इसके लिए पर्याप्त पुलिस व्यवस्था, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग और सड़कों की मरम्मत की जा रही है। इस दौरान मंदिर में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं, जिसके लिए प्रयास किया जाएगा कि एक घंटे के भीतर सभी लोग पूजा कर सकें।

उन्होंने कहा कि लोगों के लिए सवारी को अधिक सुगम और सुलभ बनाने के लिए सवारी के पीछे एक रथ भी चलेगा। उस रथ में एलईडी के माध्यम से पूरी सवारी का सीधा प्रसारण होगा। इसके माध्यम से लोग भगवान के दर्शन कर सकेंगे। इसका प्रसारण स्थानीय चैनल और यूट्यूब चैनल पर भी किया जाएगा।

कलेक्टर ने आगे कहा कि जुलूस में कुछ आदिवासी कला समूह अपने पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्रों के साथ चलेंगे और अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री भी इस यात्रा में भाग लेंगे।

होटल मालिकों द्वारा किराए से अधिक पैसे वसूलने के संबंध में उन्होंने कहा कि सभी होटल संचालकों से पहले ही सूची ले ली गई है। यदि कोई संचालक किराए से अधिक पैसे वसूलने का प्रयास करेगा तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगा। उसका होटल सील कर दिया जाएगा और लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है, क्योंकि जुलूस के दौरान बच्चों को आने-जाने में परेशानी होती है।

पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि 22 जुलाई को सावन महाकाल की पहली सवारी के लिए प्रशासन ने शुक्रवार रात से ही सड़कों पर चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है। यह लगातार जारी रहेगा। इसे कई भागों में बांटा गया है।

उन्होंने कहा कि पिछली घटनाओं को देखते हुए मजबूत हाई राइज सिस्टम लगाया जाएगा। यात्री मार्ग पर पांच ड्रोन कैमरे तैनात किए गए हैं, जो आज से ही निगरानी शुरू कर देंगे। साथ ही प्रशासन की कई शाखाओं ने संदिग्ध लोगों की जांच शुरू कर दी है। पूरे डेढ़ महीने के लिए फोर्स को इलाकों में बांटा गया है। जब तक यात्री रहेंगे, वे निगरानी रखेंगे।

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