नई दिल्ली। वक्फ बोर्ड बिल पर सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने गुरुवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे सरकार का उचित कदम ठहराया है।
उन्होंने कहा, “हमने दिल्ली में भी प्रेसवार्ता के दौरान यह बात कही थी कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इस बिल का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। हमने भी इसकी मांग की थी। इस संबंध में हमने ज्ञापन सौंपा था। हमने अपनी मांग में कहा था कि इसमें संशोधन किया जाए। मैं इस बिल से इसलिए सहमत हूं, क्योंकि वक्फ डेडिकेशन के बाद ही वक्फ होता है। आप सिर्फ सर्वे के आधार पर जाते हैं और जब वक्फ देख लेता है कि धार्मिक गतिविधियों में इसका इस्तेमाल हो रहा है, तो वक्फ इसे अधिसूचित कर देता है, जो सही नहीं है।”
उन्होंने कहा, “बिल में जो भी संशोधन किया गया है, वो उचित है, लेकिन अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि इसके एवज में अब दूसरा कौन सा बिल लाया जाता है या कौन सा रास्ता अपनाया जाता है। मैंने खुद इस बिल को पढ़ा है, जिसे हमने अपनी लीगल टीम को भेजा हुआ है, जैसे ही उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने आती है, तो हम शासन के सामने अपनी बात रखेंगे। मैं समझता हूं कि यह बिल वक्फ बोर्ड प्रणाली को सुचारू करने की दिशा में लाया गया है, इसका हम सभी स्वागत करते हैं। हालांकि, कुछ लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं, लेकिन मैं ऐसे सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वो इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।”
उन्होंने कहा, “इस बिल से वक्फ बोर्ड की हठधर्मिता पर अंकुश लगेगा। जिलाधिकारी इसकी जांच करेंगे। रेवेन्यू ऑफिसर इसकी जांच करेंगे। इसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे, लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था, मगर इस बिल के लाए जाने के बाद व्यवस्था में बड़ा फेरबदल होगा और वह उचित है।”