नई दिल्ली। वायनाड भूस्खलन त्रासदी के 14वें दिन सोमवार को 150 से अधिक लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान जारी है।
राज्य में 30 जुलाई को आई प्राकृतिक आपदा में 416 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों के अनुसार, सोमवार को डीएनए परीक्षण का पहला नतीजा आने की उम्मीद है। ये डीएनए उन मृतकों के हैं जिन्हें मेप्पाडी ग्राम परिषद में दफनाया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि हर एक कब्र को एक नंबर दिया गया है। डीएनए के नतीजे आने के बाद जीवित बचे लोग अपने प्रियजनों की पहचान कर सकेंगे। अधिकारियों ने कहा कि अगर पहचान के बाद उन्हें कोई और धार्मिक आयोजन या अनुष्ठान करने की जरूरत है, तो वे ऐसा कर सकते हैं।
वहीं राहत शिविरों में और उनके आसपास बने विशेष काउंटर्स पर सभी बचे हुए लोग अपने खोए हुए दस्तावेजों के लिए आज आवेदन कर सकते हैं।
100 से ज्यादा राहत शिविरों में 11 हजार से अधिक लोग रह रहे हैं। अधिकारियों ने वादा किया है कि वे लोगों को राहत शिविरों से उनके घरों और क्षेत्र के अन्य स्थानों पर पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। लगभग 250 बंद घरों की पहचान की गई है। अधिकारी राहत शिविरों में रह रहे लोगों को आवास आवंटित करेंगे।
पिनराई विजयन सरकार ने पुनर्वास प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत मौजूदा कर्मचारियों की मदद के लिए विभिन्न विभागों से सरकारी अधिकारियों को वायनाड में तैनात करना शुरू कर दिया है। प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य अधिकारियों, विशेषकर परामर्शदाताओं को तैनात किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वायनाड का दौरा किया था। पीएम मोदी ने स्थानीय लोगों और अस्पताल में भर्ती मरीजों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना था। पीएम ने उन्हें आश्वासन दिया था कि सरकार हर संभव तरीके से उनकी मदद करेगी।