खजुराहो में 1,484 कथक साधकों के थिरकते कदमों ने बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

Guinness

भोपाल। मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी खजुराहो में नृत्य समारोह स्वर्ण जयंती वर्ष के शुभारंभ के मौके पर राग बसंत की लय पर 1,484 कथक नृत्य साधकों के थिरकते कदमों ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड रच दिया।नृत्य समारोह के यूनेस्को विश्‍व धरोहर स्थल खजुराहो में 1,484 कथक नृत्य साधकों ने नृत्य किया। हाथों में दीपक लेकर जब लय और ताल के साथ साधकों के कदम मिले तब भारतीय संस्कृति और परंपरा एक साथ मुस्कुरा उठी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्राचीन वाद्य यंत्र नगाड़ा बजाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद कलाकारों की घुंघुरुओं की झंकार ने 50वें खजुराहो नृत्य समारोह की ऐतिहासिक उपलब्धि को यादगार बना दिया। सुप्रसिद्ध नृत्य गुरु राजेंद्र गंगानी की कोरियोग्राफी में प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संपूर्ण भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान का पर्व मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में भगवान नटराज महादेव को समर्पित साधना की यह उपलब्धि भारतीय संस्कृति का गौरव बन भावी पीढ़ी का मार्गदर्शन करेगी। नृत्य आराधना परमात्मा की साधना का मार्ग है। यह ईश्‍वर से सीधा संपर्क का पवित्र माध्यम है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की उपलब्धि को विशेष बनाते हुए खजुराहो में देश के पहले जनजातीय और लोक कलाओं के प्रशिक्षण के लिए गुरुकुल स्थापित करने की घोषणा की।

इस खास अवसर पर संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी, वन, पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, सांसद खजुराहो वी.डी. शर्मा, प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन शिव शेखर शुक्ला सहित बड़ी संख्या में कला प्रेमी और आमजन ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।

उल्लेखनीय है कि विश्‍व संगीत नगरी ग्वालियर में डेढ़ माह पहले ही तानसेन समारोह के अंतर्गत ताल दरबार कार्यक्रम में एक साथ 1,282 तबला वादकों की प्रस्तुति ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था।

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