नई दिल्ली : भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में गतिरोध दूर करने को दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) और चेसुल क्षेत्रों में मेजर जनरल स्तर की वार्ता की। इसमें भारत का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल पीके मिश्रा और मेजर जनरल हरिहरन ने किया। यहां लद्दाख के देपसांग स्थित मैदान और डेमचोक क्षेत्र में जारी गतिरोध को हल करने के लिए यह वार्ता आयोजित की गई थी।
सेना का कहना है कि बातचीत स्पष्ट और व्यावहारिक माहौल में हुई। दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शेष मुद्दों के समाधान पर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा की। नेतृत्व द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन के अनुरूप, उन्होंने खुले और दूरदर्शी तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया। इससे पहले 14 अगस्त को भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता हुई थी। सोमवार 14 अगस्त को दोनों देशों की बीच हुई कोर कमांडर स्तर की बातचीत का यह 19वां दौर था। इस वार्ता में पूर्वी लद्दाख में तनाव वाले क्षेत्र में सैनिकों की वापसी और तनाव को कम करने पर चर्चा की गई। भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक क्षेत्र को लेकर चर्चा की।
भारत व चीन के बीच हुई यह बैठक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में चुशूल-मोल्डो सीमा बिंदु पर हुई। मई 2020 में गतिरोध शुरू होने के बाद से दोनों सेनाएं पैंगोंग त्सो, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से विस्थापित हो गई हैं, लेकिन देपसांग के मैदानी क्षेत्र और डेमचोक में तनाव बना हुआ है। देपसांग और डेमचोक के संबंध में दोनों पक्ष कोई खास प्रगति करने में विफल रहे थे। गौरतलब है कि अगले सप्ताह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को देखते हुए दोनों सेनाओं के बीच हुई यह बातचीत विशेष महत्व रखती है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हो सकती है। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों पर गतिरोध बना हुआ है।