नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल सरकार को मंगलवार को विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की एक जनहित याचिका को संबोधित करने में कथित लापरवाही को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय की नाराजगी का सामना करना पड़ा.
याचिका में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हुगली जिले के एक स्कूल के सामने तिरंगे के अपमान का आरोप लगाया गया था.
मुख्य न्यायाधीश टीएस. शिवगणनम ने यहां तक कहा कि क्या इस मुद्दे को संबोधित करने में कथित लापरवाही उस व्यक्ति की वजह से थी, जिसने मामले में जनहित याचिका दायर की है.
न्यायमूर्ति शिवगणनम ने राज्य सरकार के वकील से सवाल किया कि क्या आपको नहीं लगता कि अपराधियों को दंडित किया जाना चाहिए?
जब वकील ने अदालत को बताया कि राष्ट्रीय ध्वज का कोई अपमान नहीं हुआ है, तो मुख्य न्यायाधीश ने उस दिन 17 लोगों की गिरफ्तारी के बारे में सवाल किया.
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी चीज को राजनीतिक रंग देना सही दृष्टिकोण नहीं है.
न्यायमूर्ति शिवगणनम ने कहा, “राज्य के पास यह रुख अपनाने का कोई कारण नहीं है कि राष्ट्रीय ध्वज का कोई अपमान नहीं हुआ है, क्योंकि मामले में शिकायत एक राजनीतिक व्यक्ति ने की थी.”
उन्होंने यह भी कहा कि केवल आरोपी व्यक्तियों की गिरफ्तारी ही पर्याप्त नहीं है.
जांच के उचित तरीकों पर जोर देते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें कुछ दिन के लिए सलाखों के पीछे खिलाया जाएगा. उसके बाद जमानत पर रिहा होकर स्वतंत्र रूप से घूमेंगे.