छठी चीन-मध्य एशिया विदेश मंत्रियों की बैठक अल्माटी में आयोजित

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नई दिल्ली। छठी चीन-मध्य एशिया विदेश मंत्रियों की बैठक शनिवार, 26 अप्रैल को कजाकिस्तान के अल्माटी शहर में आयोजित हुई। सभी पक्षों ने इस वर्ष के अंत में होने वाले दूसरे चीन-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के लिए व्यापक राजनीतिक आधार तैयार किया और सभी पहलुओं में चीन-मध्य एशिया सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी गहन चर्चा की।

बैठक के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने टैरिफ के दुरुपयोग के लिए अमेरिका की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए 180 से अधिक देशों पर मनमाने टैरिफ लगाए हैं। जिसने इन देशों के वैध अधिकारों एवं हितों और विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन किया है जिससे विश्व अर्थव्यवस्था की अस्थिरता बढ़ गई है।

अमेरिकी टैरिफ नीति के संबंध में वांग यी ने कहा कि चीन ने आगे बढ़कर आवश्यक जवाबी कदम उठाए हैं। यह न केवल अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय नियमों और व्यवस्था के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय की रक्षा के लिए भी है। उन्होंने कहा कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और एक जिम्मेदार प्रमुख देश के रूप में, चीन दृढ़ता से उच्च-स्तरीय खुलेपन को आगे बढ़ाएगा, पड़ोसी देशों के साथ साझा विकास की तलाश करेगा, दुनिया के साथ अवसरों को साझा करेगा, अपनी उचित अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारियों को निभाएगा और अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करेगा।

इसके अलावा वांग यी ने चीन-मध्य एशियाई देशों के साथ सहयोग को गहन करने के लिए चीनी पक्ष की ओर से पांच प्रस्ताव रखे। पहला, सद्भावना को बनाए रखने और सद्भाव को बढ़ावा देने में दृढ़ रहें। दूसरा, पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग पर कायम रहें। तीसरा, संस्थागत विकास को आगे बढ़ाना जारी रखें। चौथा, निष्पक्षता और न्याय का पालन करें। पांचवां, पीढ़ियों तक मित्रता में दृढ़ रहें।

उधर बैठक में उपस्थित मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने चीन के साथ उच्च स्तर की एकजुटता और आपसी विश्वास तथा चीन-मध्य एशिया तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका की अत्यधिक सराहना की। उनका कहना है कि मध्य एशिया के पांच देश अपनी राष्ट्रीय विकास रणनीतियों और बेल्ट एंड रोड पहल के बीच तालमेल को मजबूत करने के लिए तैयार हैं। साथ ही वे आतंकवाद, उग्रवाद, अलगाववाद और अंतर्राष्ट्रीय अपराधों का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए चीन के साथ सहयोग मज़बूत करेंगे, ताकि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखी जा सके।

सभी पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि वर्मतान अशांत दुनिया में चीन एक स्थिर शक्ति के रूप में कार्य करता है, और चीन ने बहुपक्षवाद का समर्थन करने में नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। साथ ही सभी पक्षों ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों के लिए समर्थन और एकतरफा संरक्षणवादी प्रथाओं को अस्वीकार करने की भी बात कही।

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