ऑस्ट्रेलिया के लिए 100 टेस्ट खेलना बड़ी उपलब्धि : मिचेल स्टार्क

starc

नई दिल्ली। रविवार को अपने ऐतिहासिक 100वें टेस्ट मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने अपने करियर के उतार-चढ़ाव और चोटों से जूझने के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने चुनौतियों को पार करते हुए टेस्ट क्रिकेट में अपनी स्थायी छाप छोड़ी। स्टार्क ने इस उपलब्धि को “बड़ा सम्मान” करार दिया और कहा कि वह इस पर तब विचार करेंगे जब वह खेल से संन्यास लेंगे।

रविवार को किंग्स्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच में मैदान पर उतरते ही स्टार्क यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज बन जाएंगे। इससे पहले ग्लेन मैक्ग्रा यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। डे नाइट मैच में ऑस्ट्रेलिया के पास सीरीज में क्लीन स्वीप करने का भी मौका होगा।

स्टार्क ने अपने 100वें टेस्ट मैच से पहले क्रिकेट.कॉम.एयू से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने अपनी शारीरिक देखभाल और दृढ़ता के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “मैंने अपने शरीर का ध्यान रखा है और चोटों के बीच खुद को फिट रखने के तरीके खोज पाया जिससे मैं टीम के लिए उल्लेखनीय योगदान दे सकूं।”

स्टार्क ऑस्ट्रेलिया के 471 टेस्ट क्रिकेटरों में से केवल 15वें खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 100 टेस्ट मैचों की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

उन्होंने कहा, “मैं पहले भी एक ऐसा खिलाड़ी रहा हूं जो चोटिल हो चुका है और टीम को एक खिलाड़ी कम होने का झटका दे चुका है, और मैं ऐसा दोबारा कभी नहीं करना चाहता था। इसलिए जब चीजें ठीक नहीं चल रही हों, या दर्द हो रहा हो, या मैं किसी चीज से परेशान हो रहा हो, तब भी आगे बढ़ने और मैच खत्म करने और प्रभावशाली बने रहने के तरीके खोजना अहम होता है। यही प्रक्रिया रहती है। मुझे अपनी फिटनेस बनाए रखने में प्रशिक्षकों और फिजियोथेरेपिस्टों से भी काफी मदद मिली, और मेरे सबसे अच्छे साथियों ने भी मेरी मदद की, जिससे मैं खेलता रहा और टीम का हिस्सा बना रहा।”

स्टार्क अपने 100वें टेस्ट मैच में किंग्स्टन में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के करीब हैं। 99 टेस्ट मैचों में 395 विकेट ले चुके स्टार्क को 400 टेस्ट विकेट के आंकड़े तक पहुंचने के लिए केवल पांच और विकेट चाहिए। यदि वह वेस्टइंडीज के खिलाफ इस मैच में यह कारनामा कर लेते हैं, तो वह ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा के साथ टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो जाएंगे। मैकग्रा ने अपने करियर में 124 टेस्ट में 563 विकेट लिए थे।

स्टार्क ने कहा, “मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं एक भी टेस्ट मैच खेल पाऊंगा। इतना ज्यादा खेलना बहुत ही विनम्र करने वाला अनुभव है। यह एक बहुत बड़ा सम्मान है, शायद खेल खत्म होने के बाद इस पर और भी विचार करूंगा।”

स्टार्क ने उन खिलाड़ियों को भी याद किया जिनके साथ उनकी तुलना की जाती है। स्टार्क ने खुद को सौभाग्यशाली माना कि उन्हें उनके साथ खेलने का मौका मिला। 400 विकेट तक पहुंचना एक अच्छा अनुभव रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *