भोपाल। राजधानी भोपाल के अयोध्या नगर क्षेत्र स्थित सृजन समूह के बच्चों के लिए कल रविवार को एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य स्काउट-गाइड गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को आत्मनिर्भर, अनुशासित और जागरूक नागरिक बनाना था। साथ ही, उन्हें नशा मुक्ति, बाल अधिकार और संरक्षण के प्रति सचेत करना भी इस पहल का अहम हिस्सा रहा।
भोपाल बुलेटिन डॉट कॉम को मिली जानकारी के अनुसार कार्यक्रम का आयोजन देश की चर्चित एनजीओ CRY की फेलो रेखा श्रीधर द्वारा किया गया, जिसमें कुल 80 बच्चों (34 लड़के एवं 46 लड़कियां) ने भाग लिया।
उक्त कार्यक्रम में राजीव तिवारी, संचालक – शुद्ध नशा मुक्ति केंद्र, राजीव जैन एवं उनकी टीम – स्काउट एवं गाइड, सुरेखा, उपनिरीक्षक – अयोध्या नगर थाना, अलंकार जैन, सदस्य – बाल कल्याण समिति (CWC) आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत उन बच्चों के अनुभव साझा करने से हुई, जिन्होंने हाल ही में संपन्न 26 दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण में भाग लिया था। इसके पश्चात उन्हें स्काउट एवं गाइड “ओपन ग्रुप” से जोड़ा गया। इस पहल का उद्देश्य बच्चों में नेतृत्व, समूह कार्य, जीवन कौशल, अनुशासन एवं सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को विकसित करना है।
स्काउट एवं गाइड टीम ने प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा करते हुए बताया कि नियमित सत्रों के माध्यम से बच्चों को विभिन्न व्यावहारिक और नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाएगी।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागी बच्चों को प्रणाम पत्र वितरित किए गए, जिससे उन्हें उनके प्रयासों के लिए सम्मान और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।
अयोध्या नगर थाने की उपनिरीक्षक सुरेखा ने बच्चों को नशा, बाल हिंसा, और घरेलू शोषण जैसे गंभीर मुद्दों पर जानकारी दी और भरोसा दिलाया कि पुलिस विभाग बच्चों की सहायता के लिए हर समय तैयार है।
राजीव तिवारी ने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए नशा से दूर रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बच्चों को ‘ना’ कहने की शक्ति अपनाने की प्रेरणा दी।
रेखा श्रीधर ने बाल अधिकारों, कानूनों और बाल सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने बच्चों को बताया कि वे अपने अधिकारों को पहचानें और उसका प्रयोग करें।
अलंकार जैन, बाल कल्याण समिति सदस्य, ने बाल संरक्षण तंत्र की भूमिका को स्पष्ट किया और बताया कि CWC जैसे निकाय संकट की स्थिति में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
गौरतलब है कि यह कार्यक्रम न केवल बच्चों में आत्मबल और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाला सिद्ध हुआ, बल्कि उन्होंने सामाजिक कर्तव्यों और व्यक्तिगत सुरक्षा के प्रति भी सजगता दिखाई। स्काउट-गाइड जैसी संरचनात्मक गतिविधियों से जुड़ाव बच्चों के भविष्य को सकारात्मक दिशा में ले जाने वाला कदम है। 80 बच्चों की सहभागिता यह दर्शाती है कि यदि सही दिशा, समर्थन और मार्गदर्शन दिया जाए, तो समाज की अगली पीढ़ी और भी सशक्त और सजग बन सकती है।
